मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक पेश करने पर कड़ी आलोचना की। नागपुर में संवाददाताओं से बात करते हुए ठाकरे ने इस कदम को देश के ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने की रणनीति करार दिया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव लागू करने से पहले, केंद्र सरकार को चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने ईवीएम की विश्वसनीयता और मतदाता डेटा की सुरक्षा पर भी सवाल उठाए।
लाडकी बहिन योजना पर फडणवीस सरकार को घेरा
ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार पर हमला करते हुए लाडकी बहिन योजना के तहत महिलाओं को वादा किए गए 2,100 रुपए प्रति माह की राशि नहीं देने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले महिलाओं को 2,100 रुपए प्रति माह देने का वादा किया गया था, लेकिन अब केवल 1,500 रुपए ही दिए जा रहे हैं। यह वादाखिलाफी है।
विपक्ष का विधेयक पर कड़ा विरोध
‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ को लोकसभा में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भारी विरोध के बीच पेश किया। विधेयक के पक्ष में 269 वोट पड़े, जबकि विरोध में 198 वोट। उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार की उस कार्रवाई की भी निंदा की, जिसमें 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण की ऐतिहासिक पेंटिंग को साउथ ब्लॉक से मानेकशॉ सेंटर स्थानांतरित किया गया। ठाकरे ने कहा, यह पेंटिंग भारतीय सेना की बहादुरी का प्रतीक है। इसे हटाने की कोई वजह नहीं है। केंद्र को यह कदम समझाना चाहिए।
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लेकर विपक्ष की चिंता
ठाकरे और अन्य विपक्षी नेताओं का मानना है कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की योजना लोकतंत्र की विविधता और क्षेत्रीय स्वायत्तता के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को मौजूदा समस्याओं जैसे महंगाई, बेरोजगारी और किसानों के मुद्दों पर प्राथमिकता देनी चाहिए।