
नवी मुंबई। नवी मुंबई साइबर पुलिस ने 75 लाख रुपये की बड़ी साइबर धोखाधड़ी के मामले में 49 वर्षीय एक गृहिणी और एक युवक को गिरफ्तार किया है। इस धोखाधड़ी में आरोपियों ने एक फल निर्यात कंपनी के निदेशक का भेष धारण कर, कंपनी के अकाउंटेंट को व्हाट्सएप के जरिए झांसा देकर राशि हड़प ली थी। यह घटना मई माह की है, जब साइबर ठगों ने तुर्भे स्थित एक फल निर्यात कंपनी के अकाउंटेंट को व्हाट्सएप संदेश भेजा और खुद को कंपनी का निदेशक बताते हुए 75 लाख रुपये की मांग की। उन्होंने असली निदेशक की तस्वीर को अपने व्हाट्सएप प्रोफाइल पर लगाकर संदेश को विश्वसनीय बना दिया। धोखे में आए अकाउंटेंट ने दिए गए खाते में राशि ट्रांसफर कर दी।
जब असली निदेशक ने अकाउंटेंट से संपर्क किया और ऐसी किसी भी मांग से इनकार किया, तब धोखाधड़ी का पता चला। कंपनी ने तुरंत, घटना के महज दो घंटे के भीतर, साइबर पुलिस से संपर्क किया। पीआई गजानन कदम ने बताया कि इतनी जल्दी सूचना मिलने के बावजूद, आरोपी ने पूरे 75 लाख रुपये देश भर के विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए थे। वित्तीय लेन-देन की कड़ी से जांच करते हुए पुलिस को मुंबई के मालवणी इलाके में एक सुराग मिला, जहां 5 लाख रुपये चेक के माध्यम से निकाले गए थे। इस आधार पर पुलिस ने 49 वर्षीय बिलकिस नसीम मोमिन उर्फ बीको को गिरफ्तार किया, जो एक गृहिणी है। पूछताछ में पता चला कि उसका रिश्तेदार शाहबाज आरिफ अंसारी (30) उसे पैसे कमाने का लालच देकर उसके बैंक खाते की जानकारी और एटीएम कार्ड ले गया था। पुलिस ने शाहबाज को भी गिरफ्तार कर लिया और दोनों को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि बिलकिस ने जानबूझकर अपना खाता साइबर गिरोह को उपलब्ध कराया था। अब पुलिस उस व्यक्ति की तलाश में जुटी है जिसने शाहबाज अंसारी को व्हाट्सएप कॉल के जरिए संपर्क कर खाता नंबर उपलब्ध कराने का काम सौंपा था। पुलिस का मानना है कि यह एक संगठित साइबर गिरोह है जो देशभर में फैला हुआ है। साइबर पुलिस ने कंपनियों और व्यावसायिक संस्थाओं से अपील की है कि वे बड़े वित्तीय लेन-देन करने से पहले बहुस्तरीय पुष्टि प्रणाली अपनाएं, ताकि इस तरह के घोटालों से बचा जा सके।