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एनसीपी के महासचिव डॉ. वेद तिवारी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तत्काल निलंबित करने की मांग की
मुंबई। महाराष्ट्र खाद्य व औषध प्रशासन (एफडीए) के कोकण मंडल के पालघर जिला कार्यालय में कार्यरत औषध निरीक्षक (डीआई) आरती कांबली और उसके निजी सहयोगी कृष्णकुमार तिवारी के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने रिश्वतखोरी का मामला दर्ज किया है। एसीबी ने कृष्णकुमार तिवारी को २६ जून २०२४ को एक मेडिकल संचालक से १ लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। वहीं, डीआई आरती कांबली मौके से फरार हो गई थी। गिरफ्तारी से बचने के लिए आरती कांबली ने वसई सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन दाखिल किया, जिसे न्यायालय ने बुधवार को खारिज कर दिया। इस फैसले से इनकी गिरफ्तारी तय मानी जा रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महासचिव डॉ. वेद तिवारी ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, और अजित पवार से फरार चल रही औषध निरीक्षक आरती कांबली को तत्काल निलंबित करने की मांग की है। मुख्यमंत्री कार्यालय से यह शिकायत पत्र आगे की कार्यवाही हेतु मेडिकल एज्युकेशन सेक्रेटरी को और उपमुख्यमंत्री कार्यालय से यह शिकायत पत्र आगे की योग्य कार्यवाही के लिए गृह सचिव को भेज दिया गया है। एड. तिवारी ने अपनी शिकायत में एफडीए कमिश्नर अभिमन्यू काळे की इस मामले में निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं। ज्ञात हो कि यह वही औषध निरीक्षक आरती कांबली हैं जिन्हें एफडीए आयुक्त अभिमन्यु काले ने शासन अतिरिक्त कार्यभार परिपत्रक का उल्लंघन करते हुए सहायक आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। और शिकायत के बाद आदेश को रद्द करना पड़ा था। कहीं न कहीं आरती कांबली के भ्रष्टाचार के तार एफडीए आयुक्त कार्यालय तक फैला हुआ हैं। बता दें कि एफडीए आयुक्त अभिमन्यु काले इस महीने सेवानिवृत्त हो रहे हैं। कहीं आरती कांबली का मामला उनके लिए खतरे की घण्टी साबित न हो जाए। वहीं सूत्रों का दावा है कि कांबली को बचाने में एक पूर्व सहायक आयुक्त ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। अब देखना यह है कि आरती कांबली और एसीबी का अगला कदम क्या होगा?