
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को मुंबई के नायगांव स्थित पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस समारोह में कर्तव्य पालन करते हुए प्राणों की आहुति देने वाले पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने शहीदों के स्मारक पर पुष्पांजलि चढ़ाई और कहा कि उनका साहस, समर्पण और निस्वार्थ सेवा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कानून-व्यवस्था की रक्षा और नागरिक सुरक्षा में पुलिसकर्मियों के अमूल्य योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि “पुलिसकर्मी दिन-रात जनता की सुरक्षा के लिए समर्पित रहते हैं। उनके बलिदान से ही देश की आंतरिक शांति और स्थिरता कायम है। इस अवसर पर आयोजित समारोह में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, शहीद जवानों के परिजन और राज्य पुलिस बल के सदस्य उपस्थित थे। वहीं, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पुणे स्थित पुलिस अनुसंधान केंद्र में आयोजित एक अलग समारोह में शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने पुलिस स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और कहा कि “राष्ट्र की सेवा में प्राणों की आहुति देने वाले इन वीरों की स्मृति सदैव अमर रहेगी।
प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सुरक्षा बनाए रखने में पुलिसकर्मियों के साहस, समर्पण और सेवा की सराहना करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने “एक्स” (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा- पुलिस स्मृति दिवस पर, हम अपने पुलिसकर्मियों के साहस को सलाम करते हैं और कर्तव्य पालन में उनके सर्वोच्च बलिदान को याद करते हैं। उनका दृढ़ समर्पण हमारे देश और लोगों को सुरक्षित रखता है। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर आयोजित समारोह में शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि “लद्दाख की बर्फीली सीमाओं से लेकर मुंबई की व्यस्त सड़कों तक, हमारे पुलिसकर्मी अदम्य साहस और निष्ठा के प्रतीक हैं। उनके बलिदान को राष्ट्र सदा गर्व और कृतज्ञता के साथ याद करेगा। पुलिस स्मृति दिवस न केवल शहीद पुलिसकर्मियों को नमन करने का अवसर है, बल्कि यह देश की सुरक्षा और जनसेवा के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता की गंभीर याद दिलाता है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: पुलिस स्मृति दिवस हर साल 21 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन का ऐतिहासिक महत्व वर्ष 1959 की उस घटना से जुड़ा है, जब लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में चीनी सेना ने भारतीय पुलिस दल पर घात लगाकर हमला किया था। इस संघर्ष में दस भारतीय पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। उनके बलिदान की स्मृति में वर्ष 1962 में पुलिस महानिदेशकों के सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि 21 अक्टूबर को प्रतिवर्ष “पुलिस स्मृति दिवस” के रूप में मनाया जाएगा।