Tuesday, October 14, 2025
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जलवायु संकट से निपटने के लिए बांस की खेती को बढ़ावा, महाराष्ट्र बनाएगा नई नीति: देवेंद्र फडणवीस

मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय बांस दिवस पर कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए बांस की खेती किसानों के लिए लाभदायक विकल्प साबित होगी। उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार जल्द ही बांस उद्योग नीति लाएगी, जिसमें बांस की खेती को प्रोत्साहित करने और उसके लिए मजबूत तथा सतत बाजार तैयार करने पर जोर होगा। मुंबई के यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसफॉर्मेशन (MITRA) और फिनिक्स फाउंडेशन द्वारा आयोजित बांस सम्मेलन में बोलते हुए फडणवीस ने कहा कि बांस किसानों की जिंदगी बदलने में सक्षम है, क्योंकि यह गन्ने जैसी फसल है, जिसे एक बार लगाने के बाद ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं पड़ती और जलवायु परिवर्तन का असर भी इस पर कम पड़ता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकारी बंजर भूमि पर बांस की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा और जिन जिलों में ऊर्जा परियोजनाएं हैं, वहां इसे विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा। गढ़चिरौली जिले में पांच हजार पेड़ लगाने और प्राकृतिक परिवेश को ध्यान में रखकर बांस की खेती करने की योजना है। उन्होंने कहा कि बांस उत्पादन के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए एकीकृत इकोसिस्टम और मांग-आपूर्ति श्रृंखला पर ध्यान देना होगा। वर्तमान में बांस से उत्पादन मिलने में तीन साल का समय लगता है, लेकिन शोधकर्ताओं को ऐसी किस्में विकसित करनी चाहिए जो दो साल में उत्पादन दें। राज्य सरकार बांस उत्पादों को अपनी खरीद नीति में शामिल करेगी और उनकी मार्केटिंग व मूल्य निर्धारण की जिम्मेदारी भी उठाएगी। राज्य कृषि मूल्य आयोग के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पर्यावरण सतत विकास टास्क फोर्स के कार्यकारी अध्यक्ष पाशा पटेल ने कहा कि बांस किसानों के लिए स्थिरता लाने वाला वरदान है। यह न केवल पर्यावरण की रक्षा करता है बल्कि महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी बन सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकारी कार्यालयों में बांस की बाड़ का उपयोग किया जाए और जंगल से लगे इलाकों में कटांग किस्म का बांस लगाया जाए ताकि जंगली जानवरों से फसलों की रक्षा हो सके। इस अवसर पर स्कूली शिक्षा मंत्री डॉ. पंकज भोयर, कृषि राज्य मंत्री आशीष जायसवाल, गुजरात के पूर्व मंत्री भूपेंद्रसिंह चूड़ासमा समेत कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे। सम्मेलन में ओरोकेम टेक्नोलॉजी के सह-संस्थापक अनिल ओरोसकर, अफ्रीकन एशियन ग्रामीण विकास संस्थान के महासचिव मनोज नार्देसिंग और अन्य विशेषज्ञों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री फडणवीस ने नामदेव कापसे की पुस्तक ‘बांस की खेती: आज की ज़रूरत’ का विमोचन भी किया।

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