
कोल्हापुर। यौन शोषण और अत्याचार के मामले को वापस लेने के लिए पांच लाख रुपये की फिरौती मांगने के आरोप में स्थानीय अपराध जांच शाखा (LCB) की टीम ने तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया है, जबकि एक नाबालिग लड़के को हिरासत में लिया गया है। स्थानीय अपराध जांच शाखा की टीम ने बुधवार रात केंद्रीय बस स्टैंड के सामने जाल बिछाकर यह कार्रवाई की। स्थानीय अपराध जांच शाखा के निरीक्षक रवींद्र कलमकर के अनुसार, निगवे दुमला तालुका के गणेश मारुति एकशिंगे के खिलाफ मंगलवार (7 अक्टूबर) को लक्ष्मीपुरी पुलिस स्टेशन में यौन शोषण और अत्याचार का मामला दर्ज किया गया था। गिरफ्तारी के बाद, पीड़िता ने अपने साथी नेताजी शिंदे के साथ मिलकर गणेश के पिता मारुति एकशिंगे से संपर्क किया और कहा कि वे शिकायत वापस ले लेंगे, बशर्ते उन्हें पांच लाख रुपये दिए जाएं। बाद में यह सौदा तीन लाख रुपये में तय हुआ। हालांकि, मारुति एकशिंगे ने रिश्वत देने से इनकार कर दिया और पुलिस की मदद ली। पुलिस इंस्पेक्टर कलमकर के निर्देश पर सहायक पुलिस निरीक्षक सागर वाघ और स्वाति यादव की टीम ने केंद्रीय बस स्टैंड के सामने सह्याद्री होटल के बाहर जाल बिछाया। योजना के अनुसार, तीन महिलाएं और एक नाबालिग वहां पैसे लेने पहुंचे, तभी पुलिस ने उन्हें 72,000 रुपये नकद और 12,000 रुपये के कीमती सामान के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि मारुति एकशिंगे ने फिरौती देने के लिए पुलिस की सलाह पर नकली नोटों के छह बंडल तैयार किए थे, जिनमें प्रत्येक बंडल के ऊपर और नीचे 500 रुपये के असली नोट रखे गए थे। गिरफ्तार तीनों महिलाओं को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें दो दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया। फिरौती की साजिश रचने वाला मुख्य आरोपी नेताजी शिंदे फिलहाल फरार है। पुलिस ने बताया कि यह गिरोह झूठे यौन शोषण के मामलों में फंसाकर लोगों से वसूली करता था, लेकिन इस बार वे अपने ही जाल में फंस गए। कोल्हापुर पुलिस ने इसे एक बड़ी सफलता बताते हुए कहा कि ऐसे मामलों में कानून के दुरुपयोग के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।