
मुंबई। मुंबई की एक अदालत ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अफसर राधेश्याम मोपलवार से उगाही की कोशिश के 2017 के एक मामले में एक निजी जासूस और उसकी पत्नी को बुधवार को बरी कर दिया। विशेष मकोका न्यायाधीश एएम पाटिल ने सतीश मांगले और उसकी पत्नी श्रद्धा के साथ-साथ अतुल ताम्बे नाम के शख्स को भी बरी कर दिया। उस पर दपंत्ति की मदद करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। अदालत ने कहा कि अभियोजन के मामले में काफी संदेह है और इसका लाभ आरोपियों को मिलना चाहिए। पुलिस के मुताबिक, आरोप था कि दंपति ने मोपलवार के फोन कॉल की रिकॉर्डिंग का उपयोग करके उन्हें बदनाम करने की धमकी दी थी और ऑडियो क्लिप और भ्रष्टाचार के आरोपों को सार्वजनिक न करने के लिए नौकरशाह से सात करोड़ रुपये की मांग की थी। ठाणे पुलिस के जबरन वसूली रोधी प्रकोष्ठ ने 2017 में कथित रूप से एक करोड़ रुपये स्वीकार करते हुए दंपत्ति को गिरफ्तार किया था। मोपलवार उस समय महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम के प्रबंध निदेशक थे। अब सेवानिवृत्त हो चुके मोपलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ‘वार रूम’ (इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स) का महानिदेशक बनाया है।