Saturday, June 21, 2025
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मुंबई में बेस्ट बस के निजी कर्मचारियों की हड़ताल 5वें दिन भी जारी, यात्रियों का बुरा हाल

मुंबई। मुंबई में सार्वजनिक परिवहन निकाय ‘बेस्ट’ के बेड़े में शामिल निजी बसों के चालकों की हड़ताल रविवार को पांचवें दिन भी जारी है। बुधवार सुबह से वेतन वृद्धि और अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों ने कामकाज ठप कर दिया। हालांकि, कर्मचारियों की हड़ताल से कई रूटों पर बेस्ट बस सेवा लड़खड़ा गई है, जिससे मुंबई के लोगों को परेशानी हो रही है। बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) में वेट लीज पर काम करने वाले ड्राइवरों के हड़ताल से यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है। हड़ताली कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। उन्होंने आक्रामक रुख अपना लिया है और साफ कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। मुलुंड, मुंबई सेंट्रल, प्रतीक्षा नगर, धारावी, सांताक्रूज डिपो में कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी काम नहीं कर रहे है। जिस वजह से मुंबई में बेस्ट बस का सामान्य परिचालन बाधित हो रहा है। हड़ताल से बेस्ट की परिवहन सेवा पर असर को देखते हुए राज्य सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिये हैं। आम जनता को असुविधा न हो इसके लिए सरकार ने निजी वाहनों से यात्रियों के परिवहन को मंजूरी दे दी है। यह आदेश हड़ताल जारी रहने तक लागू रहेगा। इस फैसले को लेकर सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। मिली जानकारी के मुताबिक, कॉन्ट्रैक्ट ड्राइवरों के हड़ताल पर चले जाने से एक हजार से अधिक बसें नहीं चल रहीं है। घाटकोपर, मुलुंड, शिवाजी नगर, वर्ली और आठ अन्य डिपो में बेस्ट की ठेके पर चलने वाली बसों का संचालन बाधित हुआ। बता दें कि बेस्ट उपक्रम मुंबई में सार्वजनिक परिवहन की जरुरत को पूरा करने के लिए वेट लीज मॉडल पर निजी ठेकेदारों से बसें किराए पर लेती है। वेट लीज मॉडल के तहत, निजी ऑपरेटर ही बस के मालिक होते है और वह इनके रखरखाव, ईंधन और ड्राइवरों के वेतन की जिम्मेदारी उठाते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि बेस्ट के निजी संचालकों को इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने का निर्देश दिया है और समझौते के नियमों और शर्तों के अनुसार इन कंपनियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। प्रदर्शन कर रहे ड्राइवरों का दावा है कि पिछले तीन वर्षों में उनके वेतन में पर्याप्त वृद्धि नहीं हुई है जिससे उनके लिए गुजारा करना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि बेस्ट उपक्रम के कर्मचारियों की मासिक कमाई की तुलना में उनका वेतन काफी कम है।

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