मुंबई। राज्य मंत्रिमंडल ने मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने के ऐतिहासिक निर्णय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्रिमंडल को बधाई दी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और अन्य मंत्री उपस्थित थे। इस अवसर पर राज्य मंत्रिमंडल ने घोषणा की कि हर वर्ष 3 अक्टूबर को ‘मराठी अभिजात भाषा गौरव दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। मराठी भाषा मंत्री दीपक केसरकर ने कैबिनेट प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का आभार व्यक्त किया। इस प्रस्ताव में कहा गया कि मराठी भाषा की शास्त्रीयता सदियों पुरानी है, और इसे अपना विशिष्ट दर्जा दिलाने के लिए महाराष्ट्र ने लंबे समय से प्रयास किए थे। प्रो. रंगनाथ पठारे की अध्यक्षता वाली अभिजात मराठी भाषा समिति ने इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कैबिनेट प्रस्ताव में मराठी भाषा विभाग, साहित्य संस्कृति निगम, और राज्य मराठी विकास संस्थान के साथ-साथ मराठी साहित्य परिषद और अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के योगदान को भी सराहा गया। यह निर्णय मराठी लेखकों, विद्वानों, और शोधकर्ताओं की वर्षों की मेहनत का परिणाम है। इसके साथ ही, राज्य ने मराठी भाषा के विकास के लिए एक विश्वविद्यालय स्थापित करने की योजना बनाई है, जिसका मुख्यालय रिद्धपुर में होगा। इसके जरिए मराठी भाषा में अध्ययन और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। मराठी भाषा के इस सम्मान के साथ, मराठी बोलियों का संरक्षण, प्राचीन ग्रंथों का अनुवाद, और महाराष्ट्र के पुस्तकालयों को मजबूत करने के प्रयास भी किए जाएंगे। इस अवसर कैबिनेट बैठक में मंत्री श्री. केसरकर मुख्यमंत्री श्री. शिंदे, उपमुख्यमंत्री श्री. फड़वानीस, उप मुख्यमंत्री श्री. पवार को फूलों का गुलदस्ता देकर बधाई भी दी गई।