
पालघर। कानून से बचकर कोई हमेशा नहीं रह सकता—यह कहावत एक बार फिर सच साबित हुई है। महाराष्ट्र के पालघर जिले में वर्ष 2009 में हुए एक रियल एस्टेट एजेंट की हत्या के मामले में फरार चल रहे पति-पत्नी को पुलिस ने 16 साल बाद मध्य प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया है। पहचान बदलकर डेढ़ दशक से अधिक समय तक पुलिस को चकमा देने वाले आरोपी आखिरकार कानून की गिरफ्त में आ गए। यह सनसनीखेज मामला अप्रैल 2009 का है, जब मुंबई के उपनगरीय इलाके नालासोपारा (पूर्व) में एक प्रॉपर्टी एजेंट की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। पुलिस जांच में सामने आया था कि हत्या के पीछे कमीशन के पैसों को लेकर हुआ विवाद मुख्य वजह था। इस मामले में धर्मेंद्र रामशंकर सोनी (54) और उनकी पत्नी किरण धर्मेंद्र सोनी (50) समेत कुल चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन सोनी दंपति सहित तीन आरोपी फरार हो गए थे। इसके बाद यह मामला लंबे समय तक ठंडे बस्ते में चला गया। हाल ही में मीरा-भायंदर, वसई-विरार (एमबीवीवी) पुलिस की अपराध शाखा प्रकोष्ठ-3 ने इस पुराने मामले की दोबारा जांच शुरू की। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शाहूराज राणावरे के नेतृत्व में टीम ने तकनीकी विश्लेषण और जमीनी नेटवर्क के आधार पर आरोपियों की तलाश तेज की।
सटीक खुफिया जानकारी मिलने के बाद पुलिस टीम मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के महू गांव पहुंची, जहां आरोपी पति-पत्नी पहचान बदलकर रह रहे थे। पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से घेराबंदी कर दोनों को हिरासत में ले लिया। गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों को नालासोपारा लाया गया, जहां उन्हें स्थानीय अदालत में पेश किया गया। अदालत ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए उन्हें 22 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इन 16 वर्षों के दौरान उन्हें किन लोगों ने शरण दी और वे किन-किन जगहों पर छिपकर रह रहे थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस हत्याकांड में शामिल चौथा आरोपी अब भी फरार है। उसकी तलाश में अपराध शाखा की टीमें लगातार संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं। 16 साल बाद हुई इस गिरफ्तारी ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि अपराध चाहे जितना पुराना क्यों न हो, कानून से बचना अंततः नामुमकिन है।




