
वी बी माणिक
मुंबई। रेलवे में तैनात राज्य की लौहमार्ग पुलिस एक बार फिर भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गई है। ताज़ा मामला दादर क्राइम ब्रांच का है, जहाँ पुलिस निरीक्षक रोहित रमेश कुमार सावंत पर आरोपी को गिरफ्तार न करने के एवज में 10 लाख रुपये की रिश्वत माँगने का गंभीर आरोप है। इस मामले में मध्यस्थता करने वाले वकील अनिल सिंह को मुंबई एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने 22 सितंबर 2025 को गिरफ्तार कर लिया। शिकायतकर्ता की ओर से पाँच लाख रुपये वकील अनिल सिंह ने सावंत तक पहुँचाए थे। इसके बाद शेष साढ़े चार लाख रुपये लेते समय एसीबी ने वकील को रंगेहाथ पकड़ लिया। कार्रवाई की भनक लगते ही निरीक्षक रोहित सावंत मौके से फरार हो गया। फिलहाल एसीबी उसकी तलाश में जुटी है। इस खुलासे ने दादर क्राइम ब्रांच और जीआरपी की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विभाग के भीतर अफरातफरी का माहौल है। आम नागरिकों में यह धारणा मज़बूत हो रही है कि महाराष्ट्र पुलिस पर से जनता का भरोसा लगातार कम हो रहा है। आरोप है कि जीआरपी और क्राइम ब्रांच में ईमानदारी से काम करने वाले अधिकारियों की भारी कमी है। शिकायतकर्ताओं को एफआईआर दर्ज कराने के लिए थानों के चक्कर लगाने पड़ते हैं, आरोपी वर्षों तक पकड़े नहीं जाते और अपराध का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या वरिष्ठ अधिकारी फरार निरीक्षक रोहित सावंत को पकड़ने में सफल होंगे, या फिर हमेशा की तरह मामला दबाकर भ्रष्ट पुलिसकर्मी बच निकलेंगे? जनता की निगाहें अब एसीबी और पुलिस नेतृत्व की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।