
मुंबई। महाराष्ट्र में अब पालतू जानवरों को सम्मानजनक विदाई देना संभव हो गया है। मीरा-भायंदर के नवघर में राज्य का पहला विशेष पालतू पशु दाह संस्कार केंद्र हाल ही में परिवहन मंत्री और औरंगाबाद जिले के पालक मंत्री प्रताप सरनाइक की पहल से शुरू किया गया। अब तक मृत पालतू जानवरों का निपटारा एक बड़ी चुनौती थी। अक्सर उनके अवशेष नदियों, नालों, कूड़ेदानों या खुले स्थानों में फेंक दिए जाते थे, जिससे बदबू फैलती थी और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता था। पालतू जानवरों के दाह संस्कार के लिए कोई उचित सुविधा न होने से यह समस्या लंबे समय से बनी हुई थी।
पर्यावरण अनुकूल सुविधा
नवघर पालतू पशु दाह संस्कार केंद्र में पूरी तरह गैस आधारित प्रणाली लगाई गई है, जिसमें प्राकृतिक गैस और प्रोपेन (एलपीजी) का उपयोग किया जाता है। यह प्रणाली अवशेषों को गैस और राख में बदल देती है, जिससे पर्यावरण पर न्यूनतम असर पड़ता है और लकड़ी से होने वाले प्रदूषण से बचाव होता है।मीरा-भायंदर में दो पालतू पशु दाह संस्कार केंद्र स्थापित किए गए हैं। नवघर और काशिमिरा में। नवघर केंद्र का उद्घाटन हो चुका है, जबकि काशिमिरा केंद्र जल्द ही शुरू होगा। इस पहल की स्थानीय पशु प्रेमियों ने सराहना की है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना पालतू जानवरों के प्रति करुणा और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन स्थापित करती है। इसे पालतू जानवरों और उनके मालिकों के बीच के रिश्ते का सम्मान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। उद्घाटन समारोह में मंत्री प्रताप सरनाइक ने कहा- कई घरों में पालतू जानवर परिवार के सदस्य की तरह होते हैं। उनके अंतिम संस्कार के लिए एक सम्मानजनक और सुविधाजनक केंद्र समय की आवश्यकता थी। महाराष्ट्र में यह पहला केंद्र अन्य शहरों के लिए मिसाल बनेगा। हमारा लक्ष्य भविष्य में पूरे राज्य में ऐसी सुविधाएं उपलब्ध कराना है। यह पहल स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और पालतू जानवरों के प्रति प्रेम का प्रतीक है।




