
मुंबई। केंद्र सरकार द्वारा जातिगत जनगणना कराने के निर्णय का महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख अजित पवार ने जोरदार स्वागत किया है। उन्होंने इसे “सामाजिक समानता की दिशा में एक क्रांतिकारी और ऐतिहासिक कदम” बताया। अजित पवार ने कहा, यह निर्णय समाज के सभी वर्गों को उनका न्यायसंगत अधिकार दिलाने में मदद करेगा। इससे सामाजिक रूप से कमजोर, वंचित और उपेक्षित वर्गों के लिए सरकार को अधिक निधि उपलब्ध कराने की सुविधा होगी, जिससे उनके शैक्षणिक और आर्थिक स्तर को ऊपर उठाया जा सकेगा।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि यह मांग कई दशकों से विभिन्न संगठनों, संस्थाओं और व्यक्तियों द्वारा की जा रही थी, लेकिन अब यह केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह जैसे दूरदर्शी और संवेदनशील नेतृत्व के कारण संभव हो सकी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब तक अनुसूचित जातियों और जनजातियों को छोड़कर अन्य जातियों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति की कोई ठोस जानकारी नहीं थी। इससे ओबीसी और अन्य वर्गों को योजनाओं के लाभ से वंचित रहना पड़ता था। अब यह तस्वीर साफ हो सकेगी और केंद्र व राज्य सरकारों की योजनाएं सही लाभार्थियों तक पहुँच सकेंगी। अजित पवार ने उम्मीद जताई कि, “इससे सभी समाजों को समान विकास का अवसर मिलेगा और यह निर्णय भविष्य में जातिव्यवस्था को समाप्त करने में सहायक सिद्ध हो सकता है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में जाति आधारित जनगणना को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आगामी जनगणना में जातिगत आंकड़े भी शामिल किए जाएंगे।