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चंद्रपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है और हर नागरिक को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा है। आज भारत के हर नागरिक का बैंक खाता है, जिससे डिजिटल पहचान बनी है और आम जनता को इसका सीधा लाभ मिल रहा है। आर्थिक संस्थाओं की भूमिका विकास में महत्वपूर्ण होती है और जहां ये संस्थाएं स्थापित होती हैं, वहां तेजी से प्रगति होती है। यह विचार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रियदर्शिनी इंदिरा सभागृह में आयोजित सन्मित्र महिला नागरी सहकारी बैंक के रजत जयंती समारोह में व्यक्त किए। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि सन्मित्र महिला नागरी सहकारी बैंक ने 25 वर्षों की सफलता पूरी की है और यह विदर्भ की अग्रणी सहकारी बैंकों में से एक है। महिलाएं बचत को स्वाभाविक रूप से समझती हैं और इसी कारण सहकारी बैंकों में आम नागरिकों का भरोसा होता है। इस बैंक का 300 करोड़ रुपये का कारोबार और 0.5 प्रतिशत से भी कम एनपीए इसकी उत्कृष्ट कार्यप्रणाली का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र ने सहकारी क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। सहकारी बैंकों ने व्यावसायिक बैंकों को कड़ी प्रतिस्पर्धा दी है। वैश्वीकरण के दौर में जब सहकारी बैंकों के अस्तित्व पर सवाल उठे, तब सन्मित्र बैंक जैसी बैंकों ने चुनौतियों का सामना कर सफलता हासिल की। इस बैंक ने कोर बैंकिंग, डिजिटल बैंकिंग को अपनाया और ग्राहक सुरक्षा को प्राथमिकता दी। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2025 को सहकार वर्ष घोषित किया है, और उसी वर्ष सन्मित्र बैंक की रजत जयंती मनाई जा रही है, जो गर्व की बात है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने आशा व्यक्त की कि बैंक 500 करोड़, 750 करोड़ और 1000 करोड़ के लक्ष्य को प्राप्त करे और अन्य सहकारी बैंकों के लिए आदर्श (रोल मॉडल) बने। आदिवासी विकास मंत्री और चंद्रपुर जिले के पालक मंत्री डॉ. अशोक उईके ने कहा कि बैंक का विस्तार छह से सात जिलों में हो चुका है और इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है। उन्होंने बैंक को हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया। बैंक की संचालिका शोभाताई फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति से रजत जयंती समारोह गौरवान्वित हुआ है। बैंक लगातार नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रही है और नए लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। बैंक की सभी शाखाओं में एटीएम और डिजिटल बैंकिंग की सुविधाएं उपलब्ध हैं और इसका एनपीए बेहद कम है।
इस अवसर पर बैंक की अध्यक्षा डॉ. रजनी हजारे ने भी अपने विचार व्यक्त किए। मुख्यमंत्री फडणवीस के हाथों ‘लक्षलक्षिता’ स्मारिका का विमोचन किया गया। साथ ही चंद्रपुर के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय का नाम कर्मवीर मा. सां. कन्नमवार के नाम पर रखने के निर्णय के लिए मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम का संचालन कीर्ति चांदे ने किया और आभार प्रदर्शन माधवी तांबेकर ने किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर, विधायक सुधीर मुनगंटीवार, किशोर जोरगेवार, कीर्तिकुमार भांगडिया, करण देवतळे, देवराव भोंगळे, पूर्व मंत्री व बैंक की संचालिका शोभाताई फडणवीस, अध्यक्षा डॉ. रजनी हजारे, जिलाधिकारी विनय गौड़ा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी विवेक जॉन्सन, पुलिस अधीक्षक मुम्मका सुदर्शन, मनपा आयुक्त विपिन पालीवाल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।