
नई दिल्ली:(New Delhi) दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा की पश्चिमी रेंज-2 टीम ने एक लाख के वांछित बदमाश मो. खालिद को गिरफ्तार किया है। यह आरोपित उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में शामिल था। लगभग तीन साल पहले 2020 में थाना दयालपुर में मामला दर्ज हुआ था, जिसमें दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या कर दी गई थी। इसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। दंगे में कई लोगों की मौत हो गई थी, सैकड़ों लोग घायल हो गए थे और सरकारी एवं निजी संपत्तियों का भारी नुकसान हुआ था। इस संबंध में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के विभिन्न पुलिस थानों में 750 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे।
पुलिस के मुताबिक अपराध शाखा के इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह को गुप्त सूचना मिली थी कि वांछित आरोपित मो. खालिद भारत-मयामार बॉर्डर के पास मणिपुर के इम्फाल में छिपा हुआ है। सूचना पुख्ता कर पुलिस टीम ने लगातार टेक्निकल सर्विलांस से नजर रखी और आरोपित की वास्तविक लोकेशन का पता लगा लिया। फिर टीम ने एक्शन लेते हुए आरोपित को इम्फाल से गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ के दौरान आरोपित ने खुलासा किया कि साल 2020 में वह अपने बड़े भाई मो. अयाज और अन्य साथियों के साथ दिल्ली के चांद बाग में हो रहे सीएए/एनआरसी विरोधी प्रदर्शन में शामिल हुआ था। उसके घर पर एक गुप्त बैठक हुई थी, जिसमें लाठी, लोहे की रॉड आदि इकट्ठे करने और सड़कों को ब्लॉक करने का निर्णय लिया गया था। उसके बाद भीड़ ने सड़कों को बंद करके दंगा करना शुरू कर दिया। दंगों के दौरान चांद बाग विरोध प्रदर्शन स्थल पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गयी और मेन वजीराबाद रोड को अवरुद्ध करने का प्रयास किया गया।
जब पुलिस टीम ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो आरोपित खालिद, उसका भाई मो. अयाज और अन्य दंगाइयों ने पथराव शुरू कर दिया और पुलिस दल पर हमला कर दिया। इससे दिल्ली पुलिस के हेडकांस्टेबल रतन लाल की मौत हो गई और कई अन्य पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। आरोपित पिछले तीन साल से फरार था।