
मुंबई। महाराष्ट्र के कौशल, उद्यमिता, रोजगार और नवाचार मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा ने घोषणा की है कि अब राज्य के सभी कौशल विकास संस्थानों में अनुसंधान कार्य और सलाहकार सेवाओं के लिए केवल स्वदेशी कंपनियों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि आईटीआई में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रमों, कार्यशालाओं, रोजगार-संबंधी शोध रिपोर्टों और नीति निर्माण में विदेशी कंपनियों की जगह भारतीय सलाहकार कंपनियों को शामिल किया जाएगा। लोढ़ा ने बताया कि इस संबंध में नए नियम जल्द ही कौशल विभाग द्वारा व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण निदेशालय को भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दस साल पहले दिए गए ‘मेक इन इंडिया’ के नारे और स्टार्टअप्स की पहल से देश में बड़ी संख्या में भारतीय कंपनियाँ उभरी हैं। अब इन्हीं कंपनियों को इस क्षेत्र में अवसर प्रदान कर स्वदेशी अवधारणा को आगे बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मार्गदर्शन में राज्य के व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। इस बदलाव के तहत रतन टाटा महाराष्ट्र कौशल विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र राज्य नवप्रवर्तन सोसायटी और रोजगार सेवा कार्यालयों पर भी यह नीति लागू होगी। मंत्री लोढ़ा ने कहा कि भारतीय कंसल्टेंसी फर्मों को अनुसंधान कार्य में शामिल करने से न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी बल्कि 2047 तक भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने के लक्ष्य को भी मजबूती मिलेगी। इससे भारतीय कंपनियों की वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ेगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।




