
नई दिल्ली। स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के अंतर्गत आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में महाराष्ट्र ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहराते हुए दस प्रतिष्ठित पुरस्कार हासिल किए हैं। इस उपलब्धि में सबसे प्रमुख है मीरा-भाईंदर महानगरपालिका (ठाणे), जिसने 3 से 10 लाख जनसंख्या श्रेणी में देशभर में पहला स्थान प्राप्त कर राज्य का गौरव बढ़ाया। यह पुरस्कार विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों प्रदान किए गए, जिसमें केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल, राज्यमंत्री तोखन साहू और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। महाराष्ट्र की ओर से राज्यमंत्री माधुरी मिसाळ, प्रधान सचिव डॉ. के. एच. गोविंदराज, और राज्य मिशन निदेशक नवनाथ वाठ ने राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए पुरस्कार ग्रहण किए। पुरस्कारों की सूची में कराड नगरपालिका (सातारा) को 50 हजार से 3 लाख श्रेणी में देश में दूसरा स्थान मिला, जबकि नवी मुंबई को 10 लाख से अधिक आबादी वर्ग में “सुपर स्वच्छ लीग सिटी” घोषित किया गया। अन्य विजयी नगरपालिकाओं में लोणावळा, विटा, सासवड, देवळाली प्रवरानगर, पंचगणी और पन्हाळा शामिल हैं, जिन्होंने विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका को देश में सातवाँ और राज्य में पहला स्थान मिला, और साथ ही इसे “7 स्टार गार्बेज फ्री सिटी” तथा “वॉटर प्लस सर्टिफिकेशन” जैसे सम्मान भी प्राप्त हुए। इस सफलता के पीछे महाराष्ट्र की कचरा प्रबंधन प्रणाली का अत्याधुनिक ढांचा, स्रोत स्तर पर कचरा पृथक्करण, नागरिकों की सक्रिय भागीदारी और तकनीकी नवाचार की प्रमुख भूमिका रही। मीरा-भाईंदर ने मशीन आधारित कचरा संग्रहण और व्यापक जनजागरण के माध्यम से यह सफलता हासिल की, जबकि पिंपरी-चिंचवड ने समग्र शहरी स्वच्छता का मॉडल प्रस्तुत किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि स्वच्छता न केवल स्वास्थ्य से जुड़ी है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक प्रगति का आधार भी है। उन्होंने महिला भागीदारी को सराहते हुए इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में सकारात्मक पहल बताया, साथ ही सफाईमित्रों के योगदान को सम्मानित करते हुए मैनहोल के स्थान पर मशीन-होल के उपयोग को ज़रूरी बताया। गौरतलब है कि स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के तहत देश के 4,500 से अधिक शहरों का दस मापदंडों पर मूल्यांकन किया गया, जिनमें कचरा संग्रहण, पृथक्करण, पर्यावरणीय उपाय, नागरिक सहभागिता और जनजागरण प्रमुख हैं। इस वर्ष की थीम “रिड्यूस, रीयूज़, रीसायकल” थी। 45 दिनों के भीतर 3,000 से अधिक मूल्यांकनकर्ताओं ने 11 लाख घरों और परिसरों का सर्वेक्षण किया, जिसमें 14 करोड़ नागरिकों की भागीदारी रही। राज्यमंत्री माधुरी मिसाळ ने इस उपलब्धि को महाराष्ट्र के लिए गर्व का क्षण बताते हुए कहा कि यह सफलता पूरे देश को प्रेरणा देती है, और राज्य भविष्य में स्वच्छता के इस अभियान को और तेज़ गति से आगे बढ़ाएगा।