पंढरपुर। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने रविवार को अपने वरिष्ठ सहयोगी प्रफुल्ल पटेल पर निशाना साधा। इसके साथ ही उन्होंने राकांपा संस्थापक शरद पवार के खिलाफ अजित पवार खेमे द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को ‘बचकाना’ और ‘हास्यास्पद’ बताते हुए खारिज किया। राकांपा विधायक जितेंद्र अव्हाड ने दावा किया था कि जब पार्टी के विरोधी गुट शुक्रवार को दिल्ली में चुनाव आयोग से मिले, तो अजित पवार खेमे ने अपने वकील के जरिए आरोप लगाया कि शरद पवार पार्टी को अलोकतांत्रिक तरीके से चलाते हैं और इसे अपनी जागीर मानते हैं। सुले ने पंढरपुर में संवाददाताओं से बातचीत में तंज कसते हुए कहा जब प्रफुल्ल पटेल की बात आई तो पवार साहब (शरद पवार) ने अलोकतांत्रिक तरीके से काम किया। जब उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किया जाना था तो राकांपा के कई विधायकों ने उनके नाम का विरोध किया था। लेकिन पवार साहब ने अपने कदम पीछे खींच लिए और कहा कि प्रफुल्ल पटेल राज्यसभा के लिए हमारे उम्मीदवार होंगे।’ शरद पवार के पुराने विश्वासपात्र माने जाने वाले प्रफुल्ल पटेल ने अजित पवार का साथ दिया, जब वह और राकांपा के आठ विधायक इस साल जुलाई में महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हुए थे। इसके बाद पटेल को राकांपा के कार्यकारी अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया गया था। सुले ने यह भी कहा कि वह शरद पवार ही थे जिन्होंने 2004 में लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद ‘अलोकतांत्रिक तरीके से’ पटेल को केंद्रीय मंत्री बनाने का फैसला किया और राकांपा नेताओं के विरोध को दरकिनार कर दिया जो वर्तमान में अजित पवार गुट के सदस्य पटेल के साथ हैं। सुले ने व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा, जब प्रफुल्ल पटेल को ताकत और पद देने की बात आई तो शरद पवार ने ‘अलोकतांत्रिक तरीके’ से काम किया। ये आरोप ‘बचकाने और हास्यास्पद’ हैं। अजित पवार गुट में शामिल होने के बाद प्रफुल्ल पटेल ने आरोप लगाया कि राकांपा पार्टी के संविधान या चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार नहीं चल रही है और इसका पूरा संगठनात्मक ढांचा त्रुटिपूर्ण है।