नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिग्गज नेता शरद पवार की याचिका पर सोमवार को सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने अजित पवार गुट को ‘असली’ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के तौर पर मान्यता देने के भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के आदेश के खिलाफ नोटिस जारी किया। नोटिस अजित पवार गुट को जारी किया गया है और उनसे जवाब मांगा गया है। कोर्ट ने कहा कि शरद पवार गुट को पार्टी का नाम ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार’ देने का निर्वाचन आयोग का फैसला अगले आदेश तक जारी रहेगा। इसके साथ ही कोर्ट ने पार्टी चिह्न आवंटित करने के लिए शरद पवार को निर्वाचन आयोग का रुख करने की अनुमति दी। कोर्ट ने चुनाव आयोग को आवेदन दाखिल करने के एक सप्ताह के भीतर आवंटन करने का निर्देश भी दिया।
विधानसभा अध्यक्ष ने भी चुनाव आयोग के फैसले का हवाला दिया था
इससे पहले 15 फरवरी को महाराष्ट्र की सियासत में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायकों की अयोग्यता पर फैसला हुआ था। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मामले में आदेश सुनाया था। राहुल नार्वेकर ने अपने आदेश में कहा था कि अजित पवार गुट ही ‘असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी’ है। निर्णय विधायी बहुमत पर आधारित था। ऐसे में अजित गुट को अयोग्य नहीं ठहरा सकते। महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष ने कहा था कि जुलाई 2023 में जब पार्टी में दो गुट उभरे तो अजित पवार के नेतृत्व वाला समूह ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी थी। नार्वेकर ने आगे कहा कि विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली सभी याचिकाएं खारिज की जाती हैं। दरअसल, पार्टी में टूट के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उनके चाचा शरद पवार के नेतृत्व वाले विरोधी गुटों ने अयोग्यता याचिकाएं दायर की थीं।