
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सोमवार को केंद्र सरकार को बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे को सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत करने की सिफ़ारिश की। इसी बैठक में पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपुल पंचोली को भी पदोन्नति के लिए नामित किया गया।
पाँच सदस्यीय कॉलेजियम का निर्णय
यह निर्णय भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की अध्यक्षता में हुई पाँच सदस्यीय कॉलेजियम की बैठक में लिया गया। कॉलेजियम में न्यायमूर्ति सूर्यकांत, विक्रम नाथ, जे.के. माहेश्वरी और बी.वी. नागरत्ना शामिल थे। न्यायमूर्ति आलोक अराधे ने जनवरी में बॉम्बे हाईकोर्ट का कार्यभार संभाला था, इससे पहले वे जुलाई 2023 से तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे। उनके नेतृत्व में बॉम्बे हाईकोर्ट ने अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग की शुरुआत की, जिसके तहत आज 12 अदालतों की कार्यवाही लाइव प्रसारित हो रही है। हाल ही में उन्होंने कोल्हापुर पीठ की स्थापना को भी मंजूरी दी।
न्यायिक करियर और उपलब्धियां
13 अप्रैल, 1964 को रायपुर में जन्मे आलोक अराधे ने बी.एससी. और एलएलबी की डिग्री प्राप्त करने के बाद 1988 में वकालत शुरू की। वे सिविल, संवैधानिक, मध्यस्थता और कंपनी कानून मामलों में विशेषज्ञ रहे हैं। 2007 में वरिष्ठ अधिवक्ता और 2009 में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त हुए। इसके बाद उन्होंने जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक और तेलंगाना उच्च न्यायालयों में न्यायिक सेवाएँ दीं। तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहते हुए उन्होंने लंबित मामलों में उल्लेखनीय कमी की। जुलाई 2023 में 2,38,173 लंबित मामलों की संख्या जनवरी 2025 तक घटकर 2,29,148 रह गई। इस अवधि में 6,177 मुख्य मामलों सहित कुल 8,404 मामलों का निपटारा किया गया। अगस्त 2023 में शुरू हुई अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग ने न्यायिक पारदर्शिता और सार्वजनिक पहुँच को नई दिशा दी।