
मुंबई। खाद्य सुरक्षा और नागरिकों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए, एफडीए मंत्री नरहरी जिरवाल के आदेश पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफ़डीए) ने राज्यभर में ‘सण महाराष्ट्राचा, संकल्प अन्न सुरक्षित’ नामक विशेष निरीक्षण अभियान शुरू किया है। यह अभियान 11 अगस्त से 25 अक्टूबर 2025 तक चलाया जा रहा है, ताकि त्योहारों के मौसम में मिलावटखोरी और घटिया खाद्य पदार्थों की बिक्री पर अंकुश लगाया जा सके। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 12 अक्टूबर 2025 तक राज्यभर में कुल 3,485 खाद्य प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया है। इन निरीक्षणों के दौरान दूध, खावा/मावा, खाद्य तेल, घी, मिठाइयाँ, मेवे, चॉकलेट, भगवा रंग और अन्य खाद्य पदार्थों के 4,676 नमूने विश्लेषण के लिए प्रयोगशालाओं में भेजे गए हैं। जाँच के दौरान 1,431 प्रतिष्ठानों में अनियमितताएँ पाई गईं, जिन्हें सुधार नोटिस जारी किए गए हैं। वहीं, 48 प्रतिष्ठानों के लाइसेंस निलंबित किए गए और एक प्रतिष्ठान का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।
विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस अभियान का उद्देश्य जनता को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराना है, विशेषकर त्योहारों के दौरान जब खाद्य पदार्थों की खपत बढ़ जाती है और मिलावट के मामले सामने आते हैं।
विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि खाद्य सामग्री खरीदते समय उसकी गुणवत्ता, पैकेजिंग और लाइसेंस संख्या की जाँच अवश्य करें। बिना ब्रांड या बिना लेबल वाले उत्पादों से बचें। किसी भी प्रकार की मिलावट या संदिग्ध वस्तु दिखने पर निकटतम खाद्य सुरक्षा अधिकारी या एफडीए कार्यालय से तुरंत संपर्क करें। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने कहा कि सरकार का संकल्प है कि “सण महाराष्ट्राचा, संकल्प अन्न सुरक्षित”— यानी हर त्योहार पर हर घर तक शुद्ध, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण अन्न पहुँचे।