मुंबई। महाराष्ट्र के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने पर उत्साहपूर्वक प्रतिक्रिया व्यक्त की है और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया है। यह ऐतिहासिक निर्णय महाराष्ट्र और मराठी भाषा के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा। राज्यपाल ने अपने संदेश में कहा, “यह एक ऐसा दिन है जो महाराष्ट्र और मधुर मराठी भाषा के इतिहास में हमेशा के लिए अंकित हो जाएगा।” उन्होंने संत ज्ञानेश्वर, संत तुकाराम, और संत चक्रधर स्वामी जैसे महान संतों के योगदान को रेखांकित किया, जिनकी शिक्षाओं ने मराठी भाषा को समृद्ध बनाया। राज्यपाल ने छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले, राजर्षि छत्रपति शाहू महाराज, लोकमान्य तिलक और भारत रत्न डॉ. बी. आर. अंबेडकर जैसे महापुरुषों की मातृभाषा मराठी को उचित मान्यता मिलने पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय इन सभी महान विभूतियों की भाषा के गौरव को बढ़ाता है। राधाकृष्णन ने मराठी भाषा को शास्त्रीय दर्जा दिए जाने के साथ-साथ पाली, प्राकृत, बंगाली और असमिया भाषाओं को भी शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि इन भाषाओं को शास्त्रीय दर्जा मिलने से युवा पीढ़ी और बच्चों को इन्हें सीखने, पढ़ने और बोलने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने महाराष्ट्र के 12 करोड़ लोगों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्रिमंडल का आभार व्यक्त किया, जिनके प्रयासों से मराठी भाषा को बहुप्रतीक्षित शास्त्रीय दर्जा प्राप्त हुआ है। यह निर्णय मराठी भाषा और संस्कृति की महानता को और व्यापक स्तर पर मान्यता दिलाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्यपाल ने महाराष्ट्र और दुनिया भर के मराठी भाषी लोगों को इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए बधाई दी और भविष्य में इन भाषाओं की समृद्धि के लिए युवाओं को आगे आने की प्रेरणा दी।