
नागपुर। खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) मंत्री नरहरि जिरवाल ने विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार गुटखा, तंबाकू और अन्य खतरनाक उत्पादों की बिक्री पर प्रभावी ढंग से नियंत्रण करेगी। मंत्री जिरवाल यह प्रतिक्रिया विधायक अमोल मिटकरी द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में दे रहे थे, जिसमें गुटखा की गैर-कानूनी बिक्री और संबंधित अधिकारियों की भूमिका पर चिंता जताई गई थी। इस दौरान मेंबर्स शशिकांत शिंदे और सतेज पाटिल ने भी चर्चा में भाग लिया। मंत्री जिरवाल ने कहा कि गुटखा की बिक्री पूरी तरह रोकी जाएगी और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से होने वाली मौतों को रोकने के लिए कानून को सख्त किया जाएगा। विशेष रूप से स्कूल और कॉलेज कैंपस में गुटखा और तंबाकू बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार गुटखा की बिक्री को ऑर्गेनाइज्ड क्राइम की श्रेणी में लाने और कानूनों में आवश्यक संशोधन करने के लिए गंभीर है। मंत्री ने बताया कि हाल ही में एक अधिकारी की गाड़ी से 3.42 करोड़ रुपये बरामद होने की शिकायत आई है। इस मामले की जांच के लिए डिपार्टमेंटल जांच कमेटी बनाई जाएगी, और दोषी पाए जाने पर सस्पेंशन सहित सख्त कार्रवाई की जाएगी। गुटखा बनाने वालों तक पहुँच बनाने और कानून के कमियों को दूर करने के लिए नई पॉलिसी लागू की जाएगी। राज्य में मैनपावर भी बढ़ाया जाएगा; 197 फूड सेफ्टी ऑफिसर नियुक्त किए गए हैं, और ट्रेनिंग के तुरंत बाद उन्हें पोस्ट किया जाएगा। इसके अलावा, 109 ड्रग इंस्पेक्टरों के लिए भर्ती परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी और उन्हें चरणबद्ध तरीके से तैनात किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य में सिर्फ तीन लैब हैं, जिससे टेस्टिंग क्षमता सीमित है। इस चुनौती के समाधान के लिए और लैब बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। केंद्र सरकार ने एक मोबाइल लैब को मंजूरी दी है, और बाकी मैनपावर और उपकरण राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी। मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इन सभी योजनाओं को सकारात्मक रूप से मंजूरी दे दी है, जिससे गुटखा और तंबाकू उत्पादों के खिलाफ कार्रवाई और अधिक प्रभावी बनेगी।




