कोंकण में आपदा सौम्यीकरण के कार्यों को तेजी से पूरा करने का निर्देश भी दिया

मुंबई: विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं की संख्या बढ़ रही है और प्रत्येक विभागीय आयुक्तालय में राज्य आपदा प्रतिसाद दल की नियुक्ति की जाए, साथ ही पालिकाओं को भी अपने स्तर पर तत्काल बचाव कार्यों के लिए टीमें तैयार करनी चाहिए। ऐसा निर्देश मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिया। मुख्यमंत्री शिंदे की अध्यक्षता में आज राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक हुई। वे इस अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने निर्देश दिया कि राज्य आपदा जोखिम प्रबंधन निधि को प्रभावी ढंग से खर्च किया जाए और कोंकण आपदा सौम्यीकरण के कार्य तुरंत शुरू करने के निर्देश भी उन्होंने दिए। इस बैठक में राज्य आपदा जोखिम प्रबंधन निधि का खर्च, कोकण आपदा सौम्यीकरण के कार्य, कोविड एवं विभिन्न अवसरों पर किए गए बचाव कार्यों पर खर्च, ई-पंचनामा, आपदा मित्र, ई- सचेत प्रणाली आदि मुद्दों पर राहत व पुनर्वास विभाग के प्रधान सचिव असीम गुप्ता ने प्रस्तुतीकरण दिया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि आपदा की स्थिति में एनडीआरएफ की कंपनियां प्रदेश में प्रत्येक स्थान पर समय पर नहीं पहुंच सकती हैं, इसलिए राज्य के सभी सातों विभागों में राज्य आपदा प्रतिसाद दल नियुक्त करने की कार्यवाही की जाए। वर्तमान में एसडीआरएफ की दो टुकड़ियां धुले और नागपुर में तैनात हैं। इसके अलावा राज्य में ये बल होंगे। ठाणे मनपा ने एक टीम बनाई है जो आपदा के समय पर दौड़कर पहुंचती हैं। विशेष रूप से दुर्घटनाओं के समय इस दल ने अच्छा काम किया है। इसकी जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जहां ऊंची इमारतें हैं और जहां आपदाओं की संभावना अधिक हैं। ऐसे स्थानों पर पालिका को आपदा बचाव दल बनाना चाहिए।
कोंकण आपदा सौम्यीकरण के कार्य तेजी से किए जाएं
राज्य में कोकण क्षेत्र को बा-बार विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है। राज्य मंत्रिमंडल ने इससे पहले कोंकण में विभिन्न आपदा राहत कार्यों के लिए 3200 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। इनमें भूमिगत लाइन, कटाव नियंत्रण तटबंध, तटबंध, बहुउद्देश्यीय चक्रवात में आश्रयों का निर्माण, भूस्खलन प्रवण क्षेत्रों में निवारक उपाय, बिजली अवरोधन प्रणाली शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इस संबंध में तकनीकी प्रक्रियाएं पूरी कर इन कार्यों को तत्काल शुरू किया जाए।
कोविड के लिए वित्तीय मदद
कोविड कारणों से अब तक 1 हजार 974 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। कोविड काल में मरने वालों के वारिसों के लिए अनुदान के रूप में कुल 1038 करोड़ रुपए राहत एवं पुनर्वास विभाग ने आवंटित किए हैं। राज्य सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को 50 हजार रुपए देने का फैसला किया था। बैठक में जानकारी दी गई कि 5 हजार मामले लंबित हैं। ऐसी जानकारी बैठक में दी गई।
आपदाओं के कारण 437 की मृत्यु
पिछले वर्ष विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के कारण 437 लोगों की मौत हुई थी और 680 लोग घायल हुए थे। विभाग ने बैठक में यह भी बताया कि 4348 पशुओं की मौत हुई है। बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि 7900 आपदा मित्रों को प्रशिक्षित किया जा चुका है और इसके लिए राज्य को 27 करोड़ रुपए की निधि प्राप्त हो चुकी है।
मदद के लिए निधि
एसडीआरएफ में केंद्र से प्राप्त निधि और उतना ही राज्य का हिस्सा इस तरह वर्ष 2022-23 में 3 हजार 947 करोड़ रुपए प्राप्त हुए। एसडीआरएफ के मापदंड के अलावा कुल 3 हजार 863 करोड़ 65 लाख रुपए खर्च हुए हैं। इसके अलावा जून से अक्टूबर 2022 की अवधि में विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से किसानों को हुए नुकसान के लिए राहत व पुनर्वास विभाग द्वारा 7 हजार 151 करोड़ 25 लाख रुपए का वितरण किए जाने की जानकारी बैठक में दी गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि लगातार हो रही बारिश को प्राकृतिक आपदा घोषित किया गया है और मुआवजा देने के संबंध में तत्काल कार्यवाही की जाए।
पंचनामे के लिए नई तकनीक
पंचनामे की व्यवस्था में सुधार कर मोबाइल ऐप के माध्यम से पंचनामा किया जाए। इसके लिए एमआर एसएसी कंपनी को नियुक्त किया गया है। इसके माध्यम से किए जानेवाले ई- पंचनामे के तहत 15 दिनों में प्रभावितों को नुकसान भरपाई मिलनी चाहिए। ऐसी व्यवस्था तैयार करने का निर्देश मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिया। बैठक में मुख्य सचिव मनोज सौनिक, पुलिस महानिदेशक रजनीश सेठ, मुख्यमंत्री सचिवालय सहित अन्य सचिव, वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।