
मुंबई। राज्य के महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने व्यक्तिगत कारणों से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, राज्य सरकार के अनुरोध पर उन्होंने जनवरी 2026 तक कार्य करते रहने पर सहमति जताई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में इसकी जानकारी दी। सराफ ने गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, मुंबई से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और 25 वर्षों तक बॉम्बे हाईकोर्ट में वकालत की है। अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ के चैंबर में काम किया और बाद में पूर्व महाधिवक्ता रवि कदम से जुड़े। 2020 में उन्हें वरिष्ठ वकील का दर्जा मिला। सराफ बॉम्बे बार एसोसिएशन के सचिव के रूप में छह वर्षों तक सक्रिय रहे और कई हाई-प्रोफाइल एवं विवादास्पद मामलों को सफलतापूर्वक संभाला। सितंबर 2020 में उन्होंने अभिनेत्री कंगना रनौत का प्रतिनिधित्व करते हुए बीएमसी के बांद्रा स्थित संपत्ति पर किए गए विध्वंस के खिलाफ हाईकोर्ट में केस जीता था। अदालत ने न केवल विध्वंस नोटिस को रद्द किया बल्कि नगर निगम को कंगना को 2 करोड़ रुपये मुआवजा देने का आदेश भी दिया। इसके अलावा, मराठा समुदाय पर हैदराबाद गजट लागू करने के फैसले में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। सराफ जनवरी 2026 तक एडवोकेट जनरल के पद पर कार्यरत रहेंगे और राज्य की ओर से महत्वपूर्ण मामलों में पैरवी जारी रखेंगे।