
मीरा-भायंदर। राज्य सरकार ने बच्चों को खसरा और रूबेला जैसी संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिए विशेष टीकाकरण अभियान की शुरुआत की है। यह अभियान 15 से 30 सितंबर 2025 तक चलेगा, जिसके दौरान शहर के सभी पात्र छात्रों को खसरा-रूबेला (एम.आर.) का टीका लगाया जाएगा। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, खसरा पैरामाइक्सोवायरस से और रूबेला (जर्मन खसरा) रूबेला वायरस से फैलता है। दोनों ही रोग हवा में मौजूद बूंदों के माध्यम से आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे में पहुँच जाते हैं, खासकर खांसने या छींकने पर। बुखार और त्वचा पर दाने इनके प्रमुख लक्षण हैं। लोक स्वास्थ्य विभाग के अधीन विशेष स्वास्थ्य दल इस अभियान को लागू करेंगे। इन दलों में चिकित्सा अधिकारी, नर्स, दाइयाँ, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी शामिल रहेंगे। विशेषज्ञों ने बताया कि इन बीमारियों से कई गंभीर जटिलताएँ उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे अंधापन, मस्तिष्क ज्वर, दस्त, कान और श्वसन संक्रमण (निमोनिया)। वहीं, रूबेला गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। चूँकि इन बीमारियों का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, इसलिए एम.आर. टीका ही सबसे प्रभावी सुरक्षा है। अभियान का उद्देश्य 95 प्रतिशत से अधिक टीकाकरण दर प्राप्त करना और एम.आर. टीके की दो खुराकों के बीच ड्रॉपआउट दर को शून्य तक लाना है। मीरा-भायंदर महानगर पालिका के आयुक्त ने अभिभावकों, शिक्षकों और समाज के सहयोग की अपील की है ताकि कोई भी बच्चा टीकाकरण से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि इस अभियान की सफलता का अर्थ है- हर बच्चे के लिए सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य का निर्माण।