
मुंबई। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष्य में बॉम्बे हाई कोर्ट के अंतर्गत महाराष्ट्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से बुधवार, 10 दिसंबर को राज्य की सभी जेलों में विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। यह कार्यक्रम महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग की उस पहल का हिस्सा है जिसके माध्यम से राज्य में मानवाधिकारों से जुड़े मामलों में कानूनी कार्रवाई और जागरूकता को बढ़ावा दिया जाता है। गौरतलब है कि 10 दिसंबर, 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने ‘मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा’ को अपनाया था। इसी ऐतिहासिक दिन को चिह्नित करने के लिए हर वर्ष 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। इसी कड़ी में आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम कैदियों को उनके कारावास के दौरान जीवन, समानता, सम्मान और स्वतंत्रता से जुड़े कानूनी अधिकारों की जानकारी देने पर केंद्रित है। इस कार्यक्रम का आयोजन महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष माननीय न्यायमूर्ति ए.एम.बदर की पहल पर, सदस्य माननीय जस्टिस स्वप्ना जोशी और संजय कुमार के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। सभी जिलों की जेलों में “ह्यूमन राइट्स एंड प्रोटेक्शन ऑफ प्रिज़नर्स” विषय पर जानकारी-बुकलेट वितरित की जाएगी तथा कैदियों को विस्तृत कानूनी मार्गदर्शन भी दिया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन महाराष्ट्र स्टेट ह्यूमन राइट्स कमीशन के सचिव प्रदीप कुमार डांगे, महाराष्ट्र प्रिज़न्स एंड करेक्शनल सर्विसेज़ के एडीजीपी एवं आईजी प्रिज़न्स सुहास वारके, तथा आयोग के रजिस्ट्रार विजय केदार करेंगे। बुधवार सुबह 11 बजे से शुरू होने वाले इस राज्यव्यापी कार्यक्रम में सभी ज़िलों के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज, डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर, पुलिस सुपरिटेंडेंट, पुलिस कमिश्नर, तथा जेल प्रशासन के सभी अधिकारी व कर्मचारी शामिल होंगे।




