
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने आंगनवाड़ियों को आधुनिक, सशक्त और पारदर्शी बनाकर बच्चों के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। सोमवार को महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने बताया कि ‘स्मार्ट आंगनवाड़ी योजना’ के तहत राज्यभर में तेजी से कार्य प्रगति पर है, और उत्कृष्ट सरपंचों के गाँवों में 13 स्मार्ट आंगनवाड़ियाँ स्थापित की गई हैं। उन्होंने कहा कि इन 13 गाँवों की आंगनवाड़ियों को स्मार्ट रूप दिया गया है, जहाँ अत्याधुनिक सुविधाएँ, डिजिटल शिक्षण उपकरण, तथा बच्चों और माताओं के लिए स्वास्थ्य एवं पोषण से जुड़ी जागरूकता गतिविधियाँ उपलब्ध कराई गई हैं। तटकरे ने बताया कि “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि यह कार्य पूर्ण हो चुका है। अब ये आंगनवाड़ियाँ बच्चों के समग्र विकास के लिए एक आदर्श मॉडल बन रही हैं।”
शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं का एकीकृत मॉडल
अदिति तटकरे ने कहा कि एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) योजना के तहत आंगनवाड़ियों में बच्चों को स्वास्थ्य, पोषण और पूर्व-प्राथमिक शिक्षा की बुनियादी सेवाएँ प्रदान की जाती हैं। स्मार्ट आंगनवाड़ी पहल के चलते इन सेवाओं की गुणवत्ता और पहुँच दोनों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इन केंद्रों में आधुनिक शिक्षण उपकरणों के साथ-साथ बच्चों के लिए मनोरंजक और ज्ञानवर्धक डिजिटल सामग्री भी उपलब्ध कराई गई है, जिससे शिक्षा अधिक आकर्षक और प्रभावी बन सके। साथ ही माताओं को भी पोषण और स्वास्थ्य संबंधी परामर्श नियमित रूप से दिए जा रहे हैं।
“स्मार्ट आंगनवाड़ी भविष्य की नींव है” — अदिति तटकरे
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि “स्मार्ट आंगनवाड़ी सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि यह बच्चों और माताओं के उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक है। आधुनिक तकनीक और मानवीय संवेदना का मेल ही इन केंद्रों की विशेषता है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि सभी आंगनवाड़ियों को चरणबद्ध तरीके से स्मार्ट रूप दिया जाए, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी बच्चों को शहरी स्तर की शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण सेवाएँ उपलब्ध हों। इस पहल से न केवल बच्चों का मानसिक, शारीरिक और सामाजिक विकास होगा, बल्कि ग्रामीण समुदायों में बाल शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित होगा।




