
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने बंदरगाह और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के लिए वैश्विक मानकों के अनुरूप कुशल मानव संसाधन तैयार करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विधान भवन में आयोजित एक समारोह में कौशल विकास विभाग, बंदरगाह विभाग और अटल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के तहत नीदरलैंड, डेनमार्क और पोलैंड की विदेशी ऋण एजेंसियाँ (ECA) महाराष्ट्र में ₹120 करोड़ का निवेश करेंगी। परियोजना के पहले चरण में मुंबई, पुणे, बारामती, सिंधुदुर्ग, नागपुर और नासिक के छह चयनित आईटीआई संस्थानों का आधुनिकीकरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हर वर्ष 5,000 से 7,000 युवाओं को समुद्री परिवहन और बंदरगाह प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में विश्वस्तरीय कौशल प्रदान किया जाएगा, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन संभव होगा। उन्होंने कहा कि वधान जैसी बड़ी बंदरगाह परियोजनाओं में स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर निर्मित होंगे और यह समझौता आवश्यक प्रशिक्षित जनशक्ति उपलब्ध कराएगा। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजित पवार, कौशल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, बंदरगाह मंत्री नितेश राणे, अतिरिक्त मुख्य सचिव मनीषा वर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा विदेशी प्रतिनिधि इस अवसर पर उपस्थित थे। अटल सॉल्यूशंस इंटरनेशनल बीवी (नीदरलैंड) के एमडी एडविन सिसवरदा ने भागीदारी को महाराष्ट्र के साथ दीर्घकालिक सहयोग की दिशा में कदम बताया। मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि आईटीआई संस्थान अब बंदरगाह, समुद्री परिवहन और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों के लिए कुशल जनशक्ति तैयार करेंगे। यह समझौता राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, महाराष्ट्र आईटीआई आधुनिकीकरण नीति 2025 और सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप है। उन्होंने इसे समय की आवश्यकता बताते हुए कहा कि यह साझेदारी राज्य में कौशल विकास को वैश्विक पहचान दिलाएगी।