
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ ‘शरबत जिहाद’ वाली टिप्पणी को लेकर भोपाल के टीटी नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। सिंह ने आरोप लगाया कि रामदेव ने जानबूझकर एक वीडियो के जरिए धार्मिक भावनाएं भड़काने और पतंजलि उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया। शिकायत में सिंह ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 196(1)(ए), 299 और आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि बाबा रामदेव ने अपने एक्स अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने पतंजलि के गुलाब शरबत का प्रचार करते हुए यह कहा कि एक प्रतिस्पर्धी शरबत कंपनी की आय मदरसों और मस्जिदों को फंड देने में उपयोग हो रही है, और इसी संदर्भ में ‘शरबत जिहाद’ शब्द का प्रयोग किया। सिंह ने कहा, “देश जानता है कि रामदेव हमदर्द कंपनी पर निशाना साध रहे थे। मुस्लिम मालिक होने के कारण ‘रूह अफजा’ के खिलाफ यह टिप्पणी घृणा भाषण की श्रेणी में आती है और संविधानविरोधी है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि रामदेव ने धर्म और राष्ट्रवाद के नाम पर अपने उत्पादों को बेचने का एक बड़ा साम्राज्य खड़ा किया है, जबकि कई पतंजलि उत्पाद मानकों पर खरे नहीं उतरे और कई पर प्रतिबंध भी लगा है। एडीसीपी रश्मि अग्रवाल ने बताया कि शिकायत मिली है और जांच की जा रही है, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। दिग्विजय सिंह ने चेतावनी दी है कि अगर पुलिस FIR दर्ज नहीं करती तो वह एक सप्ताह के भीतर अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
बाबा रामदेव का बयान:
रामदेव ने अपने वीडियो में कहा था कि मशहूर शरबत कंपनी अपने मुनाफे से मस्जिदें और मदरसे बनवा रही है, और उन्होंने लोगों से पतंजलि का गुलाब शरबत खरीदने की अपील की थी। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और कड़ी आलोचना का शिकार बना।
रूह अफजा का इतिहास:
रूह अफजा भारत की सबसे पुरानी और लोकप्रिय शरबतों में से एक है। इसकी शुरुआत 1907 में हकीम हाफिज अब्दुल मजीद ने की थी। यह शरबत गर्मी, डिहाईड्रेशन और हीट स्ट्रोक से बचाने के लिए तैयार किया गया था। आज भी इसका स्वाद लोगों की जुबान पर है।
हमदर्द बनाम पतंजलि:
हमदर्द लेबोरेट्रीज न केवल रूह अफजा बल्कि साफी, सिंकारा, रोगन बाबाद शिरीन जैसे उत्पादों के लिए भी जानी जाती है। 2016 में हमदर्द ने करीब 600 करोड़ का कारोबार किया था। वहीं, पतंजलि ने 2023-24 में लगभग 9,335 करोड़ रुपये का टर्नओवर किया, और उसके उत्पाद आज भारत के कोने-कोने तक पहुंच चुके हैं। यह विवाद अब कानूनी और राजनीतिक मोड़ ले चुका है, और आने वाले दिनों में इस पर और तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है।