Monday, December 22, 2025
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बॉम्बे हाई कोर्ट समेत कई अदालतों को बम से उड़ाने की धमकी, परिसर खाली कर तलाशी, सुनवाई हुई स्थगित

मुंबई। गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब अदालत परिसर को बम से उड़ाने की धमकी मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने तत्काल इमारत खाली कराई। एहतियातन पूरे इलाके की घेराबंदी कर सुरक्षा बढ़ा दी गई और मुंबई पुलिस के साथ बम निरोधक दस्ते ने गहन तलाशी अभियान चलाया। जांच के दौरान कोई भी संदिग्ध वस्तु बरामद नहीं हुई, लेकिन धमकी के कारण अदालत की कार्यवाही लगभग दो घंटे तक स्थगित रखी गई। बॉम्बे हाई कोर्ट के अलावा बांद्रा, अंधेरी और एस्प्लेनेड स्थित कई मजिस्ट्रेट अदालतों को भी बम की धमकियां मिलीं। बांद्रा मेट्रोपॉलिटन कोर्ट को ईमेल के माध्यम से धमकी भेजी गई थी, जिसके बाद मुंबई पुलिस और बम स्क्वाड ने तुरंत मौके पर पहुंचकर पूरे कोर्ट परिसर की तलाशी ली। सुरक्षा एजेंसियों ने अदालत भवन, पार्किंग क्षेत्र और आसपास के इलाकों की सघन जांच की, हालांकि कहीं भी कोई विस्फोटक या संदिग्ध सामग्री नहीं मिली।
इसी तरह की एक घटना नागपुर में भी सामने आई। नागपुर जिला एवं सत्र न्यायालय को सुबह एक ईमेल प्राप्त हुआ, जिसमें दावा किया गया था कि कोर्ट परिसर में दो आरडीएक्स-आधारित विस्फोटक उपकरण लगाए गए हैं, जो जल्द ही फट सकते हैं। धमकी मिलते ही सिविल लाइंस इलाके में स्थित अदालत को खाली कराया गया और पुलिस तथा बम निरोधक दस्ते ने व्यापक तलाशी अभियान चलाया। बाद में यह धमकी भी पूरी तरह झूठी साबित हुई। मुंबई पुलिस ने बताया कि सभी धमकी भरे ईमेल के स्रोत का पता लगाने, उन्हें भेजने वाले की पहचान करने और इसके पीछे के उद्देश्य को समझने के लिए जांच शुरू कर दी गई है। साइबर सेल को भी इस मामले में शामिल किया गया है। गौरतलब है कि इससे पहले सितंबर महीने में भी बॉम्बे हाई कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी वाला एक कथित फर्जी ईमेल भेजे जाने का मामला सामने आया था। उस समय आज़ाद मैदान पुलिस ने एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 353(1) और 353(2) के तहत सार्वजनिक उपद्रव फैलाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी। पुलिस के अनुसार, उस ईमेल में कोर्ट परिसर में विस्फोट की बात कही गई थी, जिससे कुछ घंटों के लिए दहशत का माहौल बन गया था। ताज़ा घटनाक्रम के बाद न्यायालय परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसी धमकियों को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि न्यायिक संस्थानों की सुरक्षा और आम लोगों का भरोसा बना रहे।

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