
पुणे। पुणे में महिलाओं के खिलाफ डिजिटल उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना से जुड़े दो अलग-अलग गंभीर मामले सामने आए हैं। दोनों घटनाएं न केवल महिलाओं की निजता और सुरक्षा पर सवाल खड़ा करती हैं, बल्कि साइबर अपराध और घरेलू हिंसा के बढ़ते स्वरूप को भी उजागर करती हैं।
मामला 1: फर्जी नौकरी का झांसा देकर अश्लीलता और पीछा करने का आरोप
मार्केट यार्ड पुलिस ने यवतमाल निवासी शांतनु अनिल सदाशिव (29) के खिलाफ एक युवती को फर्जी नौकरी का झांसा देने, अश्लील सामग्री भेजने और बार-बार पीछा करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी ने युवती से संपर्क कर उसे एक प्राइवेट कंपनी में 1 लाख रूपए प्रति माह वेतन और 15 लाख रूपए वार्षिक प्रोत्साहन देने का वादा किया। उसने एक फर्जी जॉब लेटर भी सौंपा। लेकिन जैसे ही युवती को संदेह हुआ और उसने बातचीत बंद कर दी, आरोपी ने अलग-अलग नंबरों से कॉल और अश्लील संदेश भेजने शुरू कर दिए। शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपी उसे पैसों का लालच देकर अनुचित कार्यों के लिए बाध्य करना चाहता था। जब उसने इसका विरोध किया, तो आरोपी लगातार उसका पीछा करने लगा और उल्टा पुलिस में शिकायत करने की धमकी देने लगा। इससे मानसिक रूप से परेशान होकर पीड़िता ने मार्केट यार्ड पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। मामले की जांच पुलिस निरीक्षक (अपराध) नवले द्वारा की जा रही है।
मामला 2: क्लास I अधिकारी पति द्वारा पत्नी की जासूसी और वीडियो से ब्लैकमेल
एक अलग घटना में, पुणे में एक क्लास I महिला अधिकारी ने अपने पति के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है कि उसने छिपे कैमरों के ज़रिए नहाते समय उसका वीडियो बना लिया और पैसे के लिए उसे ब्लैकमेल करने लगा। महिला अधिकारी ने बताया कि उसका पति, जो स्वयं भी एक सरकारी अधिकारी है, कार की ईएमआई और अन्य घरेलू खर्चों के लिए 1.5 लाख रुपये लाने का दबाव बना रहा था। जब उसने इनकार किया, तो पति ने उसे धमकी दी कि वह उसके स्नान का वीडियो इंटरनेट पर वायरल कर देगा। पुलिस के अनुसार, इस दंपति की शादी 2020 में हुई थी। समय के साथ पति ने पत्नी के चरित्र पर संदेह करना शुरू किया और उसे मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने लगा। महिला का आरोप है कि पति ने पूरे घर, यहां तक कि बाथरूम में भी कैमरे छुपा रखे थे और ऑफिस जाने के बाद भी उसकी जासूसी करता था। महिला की शिकायत के आधार पर पति और उसके परिवार के सात अन्य सदस्यों के खिलाफ ब्लैकमेलिंग, दहेज उत्पीड़न और निजता के उल्लंघन जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।सामाजिक चिंता और पुलिस की भूमिका
इन दोनों मामलों ने महिलाओं की डिजिटल और व्यक्तिगत सुरक्षा को लेकर फिर से गहरी चिंता खड़ी कर दी है। पहले मामले में, साइबर अपराध और ऑनलाइन शोषण की जड़ें उजागर हुई हैं, जबकि दूसरा मामला घरेलू डिजिटल निगरानी और ब्लैकमेल की खतरनाक प्रवृत्ति को सामने लाता है। पुणे पुलिस ने इन मामलों को गंभीरता से लिया है और दोनों मामलों में विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही है। अधिकारियों ने महिलाओं से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के उत्पीड़न को नजरअंदाज न करें और तत्काल कानूनी सहायता लें।