मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने मालवण के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 28 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा के ढहने के मामले में मूर्तिकार जयदीप आप्टे (39) को शुक्रवार को जमानत दे दी। जस्टिस एन.आर. बोरकर ने 25,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत देते हुए उनकी हिरासत समाप्त की। आप्टे ने तेज़ हवाओं को मूर्ति के ढहने का कारण बताते हुए ज़मानत मांगी थी। इससे पहले, 1 अक्टूबर को ओरोस की सत्र अदालत ने उनकी ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद, उन्होंने वकील गणेश सोवानी के माध्यम से बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया। मालवण के राजकोट किले में यह मूर्ति 26 अगस्त 2024 को गिर गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 दिसंबर 2023 को इस मूर्ति का उद्घाटन किया था। मूर्ति को 2.44 करोड़ रुपये की लागत से 12 फीट ऊंचे पेडस्टल पर स्थापित किया गया था। आप्टे के वकील ने अदालत में दलील दी कि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, और यह मामला लापरवाही का हो सकता है। वकील ने आगे हिरासत की आवश्यकता को अनुचित ठहराया। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने घटना के बाद स्थानीय पुलिस में भारतीय दंड संहिता और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी। मूर्तिकार जयदीप आप्टे, जिन्होंने 2010 में जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स से मूर्तिकला में डिप्लोमा प्राप्त किया था, ने घटना के बाद पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था और न्यायिक हिरासत में भेजे गए थे।