ठाणे। महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक विशेष अदालत ने नगर निगम के स्कूल की दो छात्राओं का यौन उत्पीड़न करने वाले सुरक्षा गार्ड को सोमवार को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। विशेष पॉक्सो न्यायाधीश वी.वी. विरकर ने सुरक्षा गार्ड विकास शंकर चव्हाण (35) को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया और उसे पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने दोषी पाए गए सुरक्षा गार्ड पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया और आदेश दिया कि यह राशि पीड़ितों को मुआवजे के रूप में समान रूप से दी जाए। विशेष लोक अभियोजक रेखा हिवराले ने अदालत को बताया कि 22 अगस्त 2016 को विकास शंकर 10 वर्षीय दो छात्राओं को स्कूल परिसर में अपने कमरे में ले गया और उनका यौन उत्पीड़न किया। छात्राओं ने उस पर हमला कर दिया और वहां से भागने में सफल रहीं। विशेष लोक अभियोजक के मुताबिक बाद में आरोपी ने छात्राओं को अपने मोबाइल फोन पर कुछ आपत्तिजनक वीडियो भी दिखाए, शौचालय तक उनका पीछा किया और उन्हें धमकी दी। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ आरोपों को साबित करने के लिए ग्यारह गवाहों से पूछताछ की गई और मामले की सुनवाई के दौरान एक पीड़ित की मौत हो गई।