
विवेक रंजन श्रीवास्तव
स्त्री विमर्श पर एक बड़ा लेख लिखकर टहलने निकला था तभी एक रंगरेज से अनायास मुलाकात हो गई। वह बड़ा हैरान परेशान था। पूछ रहा था सर क्या किसी भी तरह गुलाबी रंग नीला बन सकता है। मुझे बडा आश्चर्य हुआ , मैंने पूछा कि आखिर वह यह परिवर्तन क्यों चाहता है। मैने उसे समझाना चाहा कि गुलाबी रंग बड़ा प्यारा लगता है, गुलाब की खुशबू की तरह भीना, मृदुल, प्रभावी। किसी बच्चे सा सम्मोहक। गुलाबी रंग शांति, खुशी, स्थिरता, आशावाद और रचनात्मकता जैसे सकारात्मक भावों से जुड़ा है। यू ट्यूब पर पिंक नाइज से जल्दी ही नींद आ जाती है। यह रंग तनाव और चिंता को कम करने में मदद कर, रचनात्मकता और कल्पना को बढ़ावा देता है। गुलाबी रंग आशावाद और सकारात्मकता का प्रतीक है। जापान में, गुलाबी रंग को पारंपरिक रूप से चेरी के फूलों के साथ जोड़ा जाता है। वहां गुलाबी रंग के वस्त्र पहनने का अर्थ है अच्छा स्वास्थ्य। थाईलैंड में पुरुष शादियों में गुलाबी रंग के कपड़े पहनते हैं। इसे सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। कोरिया में गुलाबी रंग विश्वास का प्रतीक है तथा मासूमियत और पवित्रता का प्रतिनिधित्व करता है। बच्चों के खिलौने प्रायः गुलाबी बनाए जाते हैं। फ्रांस तथा अमेरिका सहित पाश्चात्य राष्ट्रों में गुलाबी रंग को स्त्री लिंग से जोड़ा गया है। इस रंग को नारीत्व के प्रतीक के रूप में व्यापारिक स्तर पर सर्वव्यापी उपयोग किया जा रहा है। हिंदू धर्म में, गुलाबी कमल मां लक्ष्मी का आसन माना जाता है। भारत में गुलाब और गुलाल विश्व प्रसिद्ध हैं। इंटीरियर डिजाइनर गुलाबी रंग का उपयोग आरामदायक और शांत वातावरण बनाने के लिए करते है। योग केंद्र की दीवारें प्रायः हल्के गुलाबी रंग से पेंट की जाती है। मिठाई में गुलाबी रंग की चमचम बहुत स्वादिष्ट और मीठी होती है, बेकरी प्रॉडक्ट में गुलाबी आइसिंग सुंदर लगती है। लड़कियों के कोमल भाव से गुलाबी रंग के साम्य को देखते हुए ही महिलाओं के उपयोग की अधिकांश वस्तुएं पिंक बनाई जाती हैं। पिंक बूथ और पिंक ब्रिगेड, पिंक क्रिकेट से लेकर पिंक बस और पिंक टायलेट तक गुलाबी रंग महिला प्रतीक के रूप में स्थापित है। गुलाबो ग्लैमरस है। गुलाब गैंग की ताकत हम फिल्म में देख चुके हैं। मैने रंगरेज को अपना रंग ज्ञान बताना जारी रखा, मैंने कहा नीला रंग आकाश और समुंदर का रंग है। शिव ने जब कंठ में विष धारण किया तो उनके कंठ का रंग भी नीला पड़ गया था। नील कमल में विष्णु के वास की कल्पना की गई है। नीला रंग स्थिरता और दिव्य शांति का प्रदाता होता है। शायद इसीलिए पुरुष को नीले रंग के रूपक में प्रदर्शित किया जाता है। मैंने गुलाबी और नीले रंगों का अपना बौद्धिक ज्ञान झाड़ने के बाद रंगरेज के सम्मुख अपना कौतूहल रखा कि वह पिंक को ब्लू में बदलने की मशक्कत क्यों कर रहा है। रंगरेज हंस पड़ा, उसने कहा मैं कहां बदलना चाहता हूं सर, यह तो आप जैसे प्रबुद्ध बुद्धिजीवियों की जिद है। आप ही स्त्री विमर्श पर ढेर किताबें लिख रहे हैं। समाज के प्रत्येक कार्य में पिंक और नीली कुर्सियां गिन गिन कर खांचे बना रहे हैं। गुलाबी रंग को नीले में तब्दील करने के लिए, फ़िल्मों में और विज्ञापनों में लड़कियों की अर्द्ध नग्न खूबसूरती परोसने के लिए खुद लड़कियों को पुरुषों से आगे होने के स्वप्न दिखा कर राजी कर लिया जाता है। नीले कंधे से कंधे मिलाकर चलने का फरेब जता कर गुलाबी पर दोहरा दबाव लाद दिया जाता है। फैशन ने स्त्री को पतलून तो पहना दिया है पर उसकी पायल नहीं उतारी। वह दोहरे चरित्र में जीने को मजबूर है। इस स्त्री विमर्श के चक्कर में झीनी गुलाबी मंहगी ड्रेसेज को अपनी नजाकत के संग लट्ठ नीली रफ टफ जींस की तरह सारे काम भी करने पड़ते हैं और अपनी नैसर्गिक कोमलता भी बचानी होती है। बिजनेस के नए अंदाज हैं जिनमें नीले की मार्केटिंग भी गुलाबी ही कर रहा है। बस इसीलिए गुलाबी को नीले में बदलने की उलझन है। रंगरेज के इस यथार्थ ज्ञान पर मैं खामोश, निरुत्तर रह गया। स्त्री विमर्श पर नव विमर्श की व्याख्या का चिंतन करने पर मजबूर हो गया। मैंने रंगरेज से कहा गुलाबी रंग गुलाबी है उसे गुलाबी ही रहने दो और नीले को पक्का नीला। उसने उत्तर दिया हुजूर असली गुलाल तो गुलाबी ही रहेगा,नीला गुलाल रंग में नीला भले हो पर वह गुलाल नहीं। फ्यूजन करके लैब से नीला दिखने वाला गुलाब उगा सकते हैं पर उसमें वह नैसर्गिक खुशबू कहां से लाएंगे जो गुलाब की वास्तविक पहचान है।