
सहरसा: (Saharsa) विधायक डॉक्टर आलोक रंजन ने शनिवार को तारांकित प्रश्न में बिहार सरकार से सहरसा में एम्स अस्पताल निर्माण का आग्रह किया। उन्होंने प्रश्न में कहा कि क्या यह बात सही है कि भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित बिहार में दूसरा एम्स हेतु राज्य सरकार द्वारा पूर्व में सहरसा जिलाधिकारी से प्रस्तावित एम्स के लिए जमीन की मांग की गई थी। तत्कालीन जिलाधिकारी द्वारा सरकार को सहरसा में उपलब्ध जमीन का ब्यौरा भी भेज दिया गया था। उसके बावजूद भी सरकार दरभंगा में जमीन की स्वीकृति दी।जबकि राज्य सरकार द्वारा दरभंगा में जो जमीन दिया गया उसे भारत सरकार द्वारा अस्वीकृत कर दिया गया।
बिहार सरकार ने जवाब दिया कि प्रश्न स्वीकारात्मक है। राज्य सरकार की स्वीकृति के आलोक में दरभंगा जिला के बहादुरपुर अंचल में 151.17 एकड़ भूमि एम्स दरभंगा के स्थापना हेतु सरकार को हस्तांतरण की स्वीकृति और बिहार सरकार द्वारा दी गई है।वही स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा उक्त भूमि पर एम्स दरभंगा की स्थापना संबंधी प्रस्ताव को अस्वीकृत किए जाने के पश्चात बिहार सरकार द्वारा अर्द्ध सरकारी पत्र द्वारा पुनर्विचार का अनुरोध स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार से किया गया है।
प्रश्न में विधायक डॉ आलोक रंजन ने कहा कि कोसी प्रमंडल का मुख्यालय सहरसा कोई बड़ा सरकारी अस्पताल नहीं रहने के कारण स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी पिछड़ा हुआ क्षेत्र है। इसीलिए सरकार को इस विषय पर गंभीरता से विचार करते हुए सहरसा में एम्स निर्माण के प्रस्ताव को स्वीकृति देना चाहिए। प्रश्न पर बिहार सरकार द्वारा कहा गया की सहरसा में वर्तमान में एम्स निर्माण संबंधी कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है।
विधायक डॉ आलोक रंजन ने बताया कि दरभंगा का जमीन एम्स निर्माण के लिए अनुपयुक्त है जिसे केंद्र सरकार द्वारा अस्वीकृत कर दिया फिर भी राज्य सरकार यह जिद पर अड़ी हुई है कि दरभंगा के उसी जमीन पर ही एम्स का निर्माण होना है। जबकि उक्त भूमि पर बरसात के दिनों में पानी जमा रहता है। बाढ़ जैसी स्थिति बनी रहती है। फिर भी सरकार का जिद है कि हम वहीं बनाएंगे।इससे इससे स्पष्ट प्रतीत होता है की सरकार अपनी जिद के आगे विकास की कोई प्राथमिकता नहीं दे रही है।
वर्तमान में दरभंगा में बड़े-बड़े अस्पताल हैं और सहरसा में स्वास्थ्य का स्थिति किसी से छुपी हुई नहीं है। इसीलिए हमने आग्रह किया कि सहरसा में एम्स का निर्माण हो। जिससे इस क्षेत्र के मरीज जो पैसे के अभाव में अपना इलाज बाहर नहीं करा पाते हैं।परंतु सरकार की नियत में खोट है।वे सहरसा का विकास नहीं चाहती है ।