
तिरुवनंतपुरम। सबरीमला मंदिर में स्थापित द्वारपालक की मूर्तियों के सोने से मढ़े हुए आसन (पीठम) के गायब होने का मामला अब नए मोड़ पर पहुँच गया है। देवस्वओम सतर्कता दल ने इस आसन को उन्नीकृष्णन पोट्टी के रिश्तेदार के घर से बरामद किया है। इससे पहले पोट्टी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि आसन गायब है। अब इस मामले में शक पोट्टी पर भी जा रहा है। विवाद की शुरुआत तब हुई जब यह पता चला कि मूर्तियों की सोने की प्लेटें मरम्मत के लिए चेन्नई भेजी गई थीं। उसी समय पोट्टी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि सोने से मढ़ा आसन आकार में बेमेल होने के कारण स्थापित नहीं किया गया था और उसका कोई अता-पता नहीं है। इसके बाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर देवस्वओम सतर्कता ने जाँच शुरू की।
पूछताछ और बरामदगी
तिरुवनंतपुरम और बेंगलुरु में गहन पूछताछ और तलाशी के बाद गायब आसन के बारे में सुराग मिले। जांच में यह पाया गया कि यह आसन 2019 से पोट्टी के कर्मचारी वासुदेवन के घर रखा हुआ था और हाल ही में वेंजारामूडू में पोट्टी की बहन के घर ले जाया गया था।
देवस्वम बोर्ड पर सवाल
2019 में पोट्टी के प्रायोजन में चेन्नई स्थित ‘स्मार्ट क्रिएशंस’ में मूर्तियों के तांबे के पैनलों पर सोने की परत चढ़ाई गई थी। पोट्टी ने दावा किया था कि कोविड प्रतिबंधों के दौरान भक्त इसे सन्निधानम लाए थे, लेकिन सतर्कता जांच में सामने आया कि इसे पोट्टी के कर्मचारी ने ही लाया था। सवाल यह उठता है कि क्या पोट्टी को इस बारे में जानकारी थी या नहीं। यदि जानकारी थी तो फिर उन्होंने शिकायत क्यों दर्ज कराई, जिससे देवस्वम बोर्ड पर भी संदेह गहरा गया है।
नई कुरसी दान का विवाद
पोट्टी ने यह भी दावा किया था कि उन्होंने तीन स्वर्ण मुद्राओं से बनी एक नई कुरसी दान की थी क्योंकि पुराने कुरसी की चमक खो गई थी। देवस्वओम अधिकारियों ने कहा कि नए कुरसी के माप गलत थे और पुराने कुरसी सुरक्षित कक्ष में रखे गए हैं। पोट्टी ने मरम्मत के दौरान कुरसी के बारे में पूछताछ की थी, लेकिन उन्हें कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। उच्च न्यायालय ने सतर्कता विभाग को आदेश दिया है कि वह इस मामले की जांच करे और जल्द ही बरामदगी के संबंध में रिपोर्ट सौंपे। जांच से यह स्पष्ट होगा कि पोट्टी को आसन के स्थान के बारे में पूर्व जानकारी थी या यह एक व्यवस्थित गायब करने का मामला है।