मुंबई। रूस की संसद के निचले सदन (ड्यूमा) के अध्यक्ष व्याचेस्लाव वोलोदीन के नेतृत्व में भारत आए रूसी संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने मुंबई में महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष एड. राहुल नार्वेकर भी मौजूद रहे।
सशक्त राष्ट्र निर्माण के लिए राज्यों की भूमिका महत्वपूर्ण– वोलोदीन
वोलोदीन ने कहा कि किसी भी देश को मजबूत बनाने के लिए राज्यों का सशक्त होना जरूरी है। उन्होंने भारत और रूस के बीच संसदीय सहयोग को राज्य एवं क्षेत्रीय स्तर पर बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि रूस में 89 प्रांत हैं, जहां विधानसभाएँ और स्थानीय सरकारें कार्यरत हैं, ठीक वैसे ही जैसे भारत में राज्य विधान मंडल मौजूद हैं। वोलोदीन ने अपने भारत दौरे के दौरान विधानसभा, उद्योग-व्यापार जगत के प्रतिनिधियों और मुंबई विश्वविद्यालय के छात्रों से भी मुलाकात करने की योजना साझा की। उन्होंने खुशी जाहिर की कि मुंबई विश्वविद्यालय में 1964 से रूसी भाषा विभाग कार्यरत है, जिससे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंध और मजबूत हुए हैं।
भारत-रूस व्यापार बढ़ाने पर जोर
रूसी संसद अध्यक्ष ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर विभिन्न चुनौतियों का सामना करने में भारत के समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने विश्वास जताया कि वर्तमान में 57 अरब डॉलर का भारत-रूस व्यापार 2030 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
राज्यपाल राधाकृष्णन ने भारत-रूस संबंधों को बताया ‘भाई-बहन’ जैसा
महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने भारत-रूस संबंधों को भाई-बहन की तरह बताया और विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं ब्रिक्स मंच पर दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग से युवा पीढ़ी एक-दूसरे के और करीब आ सकेगी। राज्यपाल ने उम्मीद जताई कि मुंबई के पास स्थित वधावन बंदरगाह के पूरा होने के बाद भारत-ईरान-रूस व्यापार को और गति मिलेगी। इस अवसर पर व्याचेस्लाव वोलोदीन ने राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन और विधानसभा अध्यक्ष एड. राहुल नार्वेकर को रूस यात्रा का निमंत्रण दिया।