
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा में मंगलवार को उस समय भारी हंगामा हो गया जब कांग्रेस विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने भाजपा विधायक बबनराव लोनीकर और कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे पर किसानों के अपमान का आरोप लगाते हुए तीखा भाषण दिया। पटोले के कुछ बयानों को असंसदीय करार देते हुए उन्हें दिनभर के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया।
क्या कहा नाना पटोले ने?
पटोले ने अपने संबोधन में कहा- लोनीकर और कृषि मंत्री कोकाटे किसानों का अपमान कर रहे हैं। किसान यह अपमान सहन नहीं करेंगे। मोदी आपके पिता हो सकते हैं, लेकिन किसानों के नहीं। उन्होंने जोर देकर मांग की कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सदन में खड़े होकर किसानों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। इस बयान के बाद विपक्षी विधायकों ने जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। “किसानों से माफी मांगो!, जिससे सदन का माहौल बेहद गरम हो गया।
स्पीकर की कार्रवाई
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने पटोले के भाषण को असंसदीय भाषा बताते हुए उन्हें समझाने का प्रयास किया। लेकिन जब पटोले अध्यक्ष की कुर्सी तक जाकर जवाब मांगने लगे, तो नार्वेकर ने उन्हें एक दिन के लिए निलंबित कर दिया। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पटोले ने जब वे खुद विधानसभा अध्यक्ष थे, तब राजदंड छूने जैसे नियम तोड़े थे, इसलिए कार्रवाई ज़रूरी थी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नाना पटोले की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा-भावनाएं व्यक्त करना अलग बात है, लेकिन राष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति पर इस तरह हमला करना निंदनीय है। पूर्व राष्ट्रपति पर इस तरह से उंगली उठाना ठीक नहीं है। फडणवीस ने पटोले से माफी मांगने की मांग की।
पटोले का पलटवार
निलंबन के बाद मीडिया से बातचीत में पटोले ने कहा-हमें किसी देवेंद्र फडणवीस या भाजपा से प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं। हम किसानों के लिए लड़ते रहेंगे। भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद किसान आत्महत्याओं में भारी इजाफा हुआ है। जिस प्रधानमंत्री को किसान मसीहा बताया जाता है, वो किसानों की वास्तविक पीड़ा से कितने दूर हैं यह देश देख रहा है। पटोले ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए किसानों के सवाल उठाने वालों को चुप कराने का प्रयास कर रही है।