
मुंबई। मुंबई के उपनगरीय रेलवे नेटवर्क में फर्जी विज्ञापनों के खिलाफ रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने बड़ी कार्रवाई की है। पश्चिम रेलवे के मुंबई मंडल में चलाए गए विशेष अभियान के तहत आरपीएफ ने 14 अक्टूबर को तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 22,000 से अधिक फर्जी पोस्टर जब्त किए। ये पोस्टर कथित ‘तांत्रिकों’ और ‘वशीकरण बाबाओं’ के थे, जिन्हें लोकल ट्रेनों और रेलवे प्लेटफार्मों पर अवैध रूप से चिपकाया गया था। आरपीएफ अधिकारियों के अनुसार, ऐसे पोस्टर आमतौर पर व्यक्तिगत, स्वास्थ्य और वित्तीय समस्याओं के ‘अलौकिक समाधान’ का झांसा देते हैं। इससे न केवल यात्री गुमराह होते हैं, बल्कि रेलवे की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचता है।
सोशल मीडिया शिकायतों के बाद बना विशेष प्रवर्तन दल
रेल मदद पोर्टल और सोशल मीडिया पर बढ़ती शिकायतों के बाद, वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त संतोष कुमार सिंह राठौड़ के निर्देश पर उप-निरीक्षक संतोष सोनी के नेतृत्व में एक विशेष प्रवर्तन दल गठित किया गया। इसी टीम ने अंधेरी स्टेशन पर 14 अक्टूबर को कार्रवाई करते हुए इरशाद खान के बेटे अब्दुल समद को एक लोकल ट्रेन के अंदर पोस्टर चिपकाते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। उसके पास से 600 से अधिक पोस्टर बरामद हुए। पूछताछ में समद ने दो अन्य साथियों- एक स्वयंभू ‘बाबा’ और उसके सहयोगी के नाम बताए। दोनों को मीरा रोड स्थित ठिकाने से गिरफ्तार किया गया, जहां छापेमारी के दौरान 22,000 अतिरिक्त पोस्टर मिले। तीनों आरोपियों को जब्त की गई सामग्री के साथ अंधेरी आरपीएफ चौकी को सौंप दिया गया है।
रेलवे परिसरों को स्वच्छ और सुरक्षित बनाने का अभियान
आरपीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि यह अभियान रेलवे परिसरों से अवैध और भ्रामक विज्ञापनों को हटाने की व्यापक पहल का हिस्सा है। अधिकारी ने कहा- हमारा लक्ष्य ऐसे धोखाधड़ी वाले प्रचारों पर रोक लगाना और लोकल ट्रेनों की स्वच्छता एवं सुरक्षा सुनिश्चित करना है। पिछले एक महीने में आरपीएफ की टीमों ने ऐसे ही 29 आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ा है। अब तक कुल 49,100 पोस्टर ज़ब्त किए जा चुके हैं और अदालतों द्वारा 13,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे ऐसे फर्जी विज्ञापनों पर विश्वास न करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल रेलवे हेल्पलाइन या रेल मदद पोर्टल पर दें। बता दें कि मई 2025 में चलाए गए इसी तरह के एक अभियान के बाद आया है, जिसमें 53 अपराधियों पर मामला दर्ज किया गया था और 37,400 पोस्टर ज़ब्त किए गए थे। उस अभियान में कुल 26,500 रुपये का जुर्माना लगाया गया था।