
मुंबई। महाराष्ट्र के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री जयकुमार गोरे ने निर्देश दिया है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रामीण सड़कों का निर्माण पारदर्शी और उच्च गुणवत्ता का होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क के विस्तार और टिकाऊ निर्माण कार्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। मंत्रालय में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के साथ संविदा कर्मियों के बकाया वेतन के मुद्दों पर चर्चा की गई। इस अवसर पर सचिव सतीश चिखलीकर, वित्त नियंत्रक अभय धांडे, उप सचिव प्रशांत पाटिल, कार्यकारी अधिकारी विवेक शिंदे, अच्युत इप्पर, और विजय चौधरी मौजूद थे। मंत्री गोरे ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कार्यों को सरल और सुगम बनाने के लिए केंद्र सरकार से मापदंडों में बदलाव की चर्चा की जाएगी। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क नेटवर्क के विस्तार के लिए आवश्यक प्रस्ताव प्रस्तुत करने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना और अन्य ग्रामीण सड़क योजनाओं के तहत आगे के कार्यों को स्वीकृत करने के लिए बाह्य वित्तीय संस्थाओं से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के प्रयास किए जाने चाहिए। बैठक में संविदा कर्मियों के बकाया वेतन पर भी चर्चा की गई, और मंत्री ने इसे शीघ्र निपटाने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। मंत्री ने स्पष्ट किया कि सड़क निर्माण कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने से ग्रामीण विकास को गति मिलेगी और ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत संरचना का मजबूत नेटवर्क तैयार होगा।