
मुंबई। महाराष्ट्र की शहरी राजनीति में एक नया मोड़ आया है, जहां राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि वह राज्य के प्रमुख शहरों- मुंबई, ठाणे, पुणे, नासिक, नवी मुंबई, पालघर और मीरा-भायंदर में आगामी नगर निगम चुनाव लड़ेगा। यह फैसला रविवार को मुंबई में आयोजित एक भव्य कार्यकर्ता सम्मेलन में लिया गया, जिसमें रालोद के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोकी त्यागी की गरिमामयी उपस्थिति रही।
इस अवसर पर त्यागी ने पार्टी की जमीनी स्तर पर सक्रियता, स्वच्छ प्रशासन और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि रालोद महाराष्ट्र की महानगर पालिकाओं में जनसरोकारों की राजनीति को मज़बूती से स्थापित करेगा। पार्टी ने गठबंधन की संभावनाओं को लेकर भी बड़ा संकेत दिया है। रालोद ने महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष डॉ. वेदप्रकाश तिवारी को समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठबंधन पर अंतिम निर्णय लेने की पूरी जिम्मेदारी सौंपी है। अपने भाषण में डॉ. तिवारी ने कहा, “महाराष्ट्र के लोग एक पारदर्शी, जवाबदेह और जनकल्याणकारी नेतृत्व के हकदार हैं। रालोद नगर निगम चुनावों में एक सशक्त और विश्वसनीय विकल्प प्रस्तुत करेगा। सम्मेलन में मुंबई, नवी मुंबई, पालघर और नासिक से बड़ी संख्या में नागरिक रालोद में शामिल हुए, जिनमें युवा, प्रोफेशनल, महिलाएं और सामाजिक कार्यकर्ता प्रमुख रूप से शामिल रहे। यह रुझान पार्टी के लिए चुनाव पूर्व एक महत्वपूर्ण संगठनात्मक बढ़त के रूप में देखा जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह सम्मेलन शहरी महाराष्ट्र में रालोद के बढ़ते जनाधार और उसकी चुनावी तैयारियों का प्रमाण है। पार्टी की रणनीति साफ़ है—नगर निगमों में जनतांत्रिक और स्वच्छ शासन का विकल्प बनकर उभरना। रालोद का यह फैसला न सिर्फ महाराष्ट्र की राजनीतिक बिसात को नई दिशा देगा, बल्कि विपक्षी खेमे में भी हलचल तेज कर सकता है, खासकर जब गठबंधन की संभावनाओं पर अंतिम निर्णय का अधिकार डॉ. तिवारी जैसे ज़मीनी नेता को सौंपा गया है। आगामी नगर निकाय चुनावों में रालोद की भूमिका अब और निर्णायक होती दिखाई दे रही है।
