
नागपुर। महाराष्ट्र के नागपुर में शनिवार को भारी बारिश के कारण आई बाढ़ के बाद रविवार को राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी रहा। बारिश और बाढ़ की वजह से यहां कम से कम 10 हजार घरों में पानी घुस गया था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इससे पहले दिन में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शहर में तीन घंटे में 109 मिलीमीटर बारिश हुई, जिसमें शनिवार तड़के दो बजे से चार बजे के बीच हुई 90 मिलीमीटर बारिश भी शामिल है। अधिकारियों ने बताया कि शहर की अंबाझारी झील और नाग नदी के उफान पर आने से शनिवार को शहर में बाढ़ आ गई। नागपुर नगर आयुक्त अभिजीत चौधरी ने बताया कि बाढ़ का पानी कम होने के बाद स्थानीय प्रशासन ने घरों और आसपास के इलाकों में फैली गंदगी की सफाई शुरू कर दी है। चौधरी ने बताया कि नागपुर नगर निगम (एनएमसी) ने अब तक भोजन के 11,000 पैकेट वितरित किए हैं। उन्होंने कहा, फॉगिंग और छिड़काव जल्द शुरू किया जाएगा ताकि मलेरिया, डेंगू जैसी मच्छर जनित बीमारियों को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि नगर निकाय को उन इलेक्ट्रॉनिक और अन्य घरेलू सामानों की सफाई पर भी ध्यान देना होगा, जिन्हें लोग खराब हो जाने के बाद फेंक रहे हैं। नगर निकाय प्रमुख ने कहा जिलाधिकारी के समन्वय से बाढ़ से हुए नुकसान का आंकलन आज से शुरू होगा। उसी के बाद, बाढ़ से प्रभावित व्यक्तियों को मुआवजा और अन्य लाभ हस्तांतरित किए जाएंगे। चौधरी ने कहा कि बाढ़ के बाद एकत्र हुए मलबे और बंद नालों को साफ करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से मशीन बुलाई गई हैं। उन्होंने बताया कि शहर के कई हिस्सों में बिजली कटौती हुई लेकिन अधिकांश इलाकों में आपूर्ति बहाल कर दी गई है।
उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने प्रभावित इलाकों का किया दौरा
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने रविवार सुबह नागपुर में बारिश की स्थिति का जायजा लिया और बाढ़ प्रभावित परिवारों से बातचीत करने के लिए उनके घर भी गए। उन्होंने कहा कि तीन घंटों में 109 मिलीमीटर तक बारिश हुई जिसमें शनिवार तड़के दो बजे से चार बजे तक 90 मिमी बारिश हुई। इस दौरान शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विदर्भ के सबसे बड़े शहर में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल(एसडीआरएफ) बचाव और राहत अभियान में लगे हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा इसमें तकरीबन 10,000 घर प्रभावित हुए हैं। घरों में कीचड़ घुस गया है। प्रशासन दवाई उपलब्ध कराने के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों में सफाई कराने में मदद कर रहा है। काफी नुकसान हुआ है। फडणवीस ने कहा, अगर कुछ कदम पहले उठा लिए जाते तो हम नुकसान को कम कर सकते थे। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया था लेकिन वह इतने कम समय में इतनी भारी वर्षा का पुर्वानुमान नहीं लगा सका। इन त्रासदियों से हमेशा कुछ सीखने को मिलता है। उपमुख्यमंत्री ने सुबह शहर के सबसे बड़े जलाशय अंबाझरी झील के आसपास के इलाकों का दौरा किया था जिसकी शनिवार को भारी बारिश के कारण बाड़ टूट गई थी। फडणवीस ने बताया नाग नदी की सुरक्षा करने वाली दीवार और अन्य संरचनाओं को दोबारा बनाना पड़ेगा। राज्य सरकार भी अंबाझरी झील को लेकर बुनियादी ढांचे के निर्माण की योजना बना रही है जिससे जलस्तर अधिक बढ़ने पर नुकसान कम हो। बारिश से संबंधित घटनाओं में शनिवार को चार लोगों की मौत हो गई जिनमें 53 वर्षीय एक महिला भी शमिल हैं जिन्हें लकवा था। जबकि 400 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार रात स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की।