मुंबई। दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से संबंधित ड्रग्स मामले में एनसीबी की प्रारंभिक जांच पर आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े को जारी किए गए नोटिस पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि 10 अप्रैल तक कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने अभिनेता की मौत से संबंधित ड्रग्स मामले और ड्रग्स रखने के लिए एक नाइजीरियाई नागरिक की गिरफ्तारी के एक अन्य मामले में वानखेड़े के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू की थी। एनसीबी मुंबई जोन के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर दो मामलों की जांच में कथित अनियमितता का आरोप लगा है। इसको लेकर एनसीबी ने प्रारंभिक जांच शुरू की है। जिसे वानखेड़े ने कोर्ट में चुनौती दी है। ये मामले 2020 में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद केंद्रीय एजेंसी द्वारा शुरू की गई ड्रग्स जांच और एक नाइजीरियाई नागरिक के खिलाफ दायर एक अन्य मामले से संबंधित हैं। यह दोनों मामले वानखेड़े के कार्यकाल के दौरान के है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज वानखेड़े की याचिका पर सुनवाई की और उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की। जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने वानखेड़े की याचिका पर एनसीबी से जवाब मांगा है। वानखेड़े ने याचिका दायर कर अपने खिलाफ एनसीबी द्वारा शुरू की गई जांच को चुनौती दी है। आज सुनवाई के दौरान जब एनसीबी की तरफ से पेश हुए वकील ने जांच एजेंसी के महानिदेशक से निर्देश लेने के लिए समय मांगा तो कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल तक टाल दिया। साथ ही एनसीबी को वानखेड़े के खिलाफ 10 अप्रैल तक कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया।