मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और विधायक नवाब मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी राहत मिली है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य आधार पर महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक की अंतरिम जमानत तीन महीने के लिए बढ़ा दी। शीर्ष कोर्ट ने 11 अगस्त को स्वास्थ्य आधार पर ही मलिक को दो महीने के लिए अंतरिम जमानत दी थी। एनसीपी नेता क्रोनिक किडनी रोग से पीड़ित है। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि नवाब मलिक किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं और 11 अगस्त को दो महीने के लिए अंतरिम जमानत दिये जाने के बाद भी उनके स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ है। वहीँ, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी उनकी जमानत का विरोध नहीं किया। इसलिए उनकी अंतरिम जमानत को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया।
17 महीने बाद जेल से आए बाहर
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाडी सरकार (एमवीए) में अल्पसंख्यक विकास मंत्री का पद संभालने वाले नवाब मलिक को ईडी ने 23 फरवरी 2022 को गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज है। इस मामले में ईडी ने मलिक की करोड़ों की संपत्तियों को भी जब्त किया है।
ईडी ने लगाये गंभीर आरोप
हालांकि स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतों के चलते 17 महीने बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी। फ़िलहाल मलिक मुंबई के एक निजी अस्पताल में इलाज करावा रहे है। ईडी ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से संबंधित मामले में मलिक की संलिप्तता का आरोप लगाया है।
किसके साथ जाएंगे नवाब मलिक?
मालूम हो कि एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक अगस्त महीने में करीब डेढ़ साल बाद जेल से बाहर आए। जेल से बाहर आते ही नवाब मलिक से एनसीपी के दोनों धड़ों- शरद पवार और अजित पवार गुट ने संपर्क साधा। लेकिन महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री रहे नवाब मलिक ने अपने पत्ते नहीं खोले है।