मुंबई। महाराष्ट्र में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, और सभी पार्टियां अपनी सीटों के समीकरण में जुटी हुई हैं। इसी क्रम में, केंद्रीय मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई-ए) के प्रमुख रामदास अठावले ने महायुति में अपनी पार्टी के लिए सीटों की दावेदारी पेश की है। रामदास अठावले ने रविवार को नागपुर में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी आरपीआई (ए) को आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कम से कम 10 से 12 सीटों पर लड़ने का अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने बताया कि आरपीआई (ए) अपने पार्टी चिह्न पर चुनाव लड़ेगी और विदर्भ क्षेत्र में तीन से चार सीटों की मांग कर रही है, जिनमें उत्तर नागपुर, उमरेद (नागपुर), यवतमाल में उमरखेड़ और वाशिम शामिल हैं।
अठावले ने कहा कि उनकी पार्टी ने 18 संभावित सीटों की एक सूची तैयार की है, जिसे महायुति के सहयोगियों के साथ साझा किया जाएगा। इस सूची के आधार पर, सीट बंटवारे के समझौते के तहत आरपीआई (ए) को कम से कम 10 से 12 सीटें मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि भाजपा, शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी से आरपीआई (ए) को चार-चार सीटें मिलनी चाहिए।
महायुति में आरपीआई (ए) की भूमिका
गौरतलब है कि रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया महायुति गठबंधन का हिस्सा है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शामिल हैं। अठावले का मानना है कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र के दलित और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मतदाताओं के बीच एक मजबूत आधार रखती है, और उनकी सीटों की दावेदारी गठबंधन को और मजबूती देगी। रामदास अठावले के इस बयान से महाराष्ट्र की राजनीतिक परिस्थितियों में हलचल मच गई है, क्योंकि महायुति गठबंधन के भीतर सीटों का बंटवारा चुनावी सफलता के लिए महत्वपूर्ण होगा।