मुंबई। महाराष्ट्र के नांदेड़ के एक सरकारी अस्पताल में पिछले 24 घंटों में 12 शिशुओं सहित कम से कम 31 लोगों की मौत पर हंगामा जारी है। अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे ने सरकार हमला किया है। राज ठाकरे ने अपने दोस्त मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि तीन-तीन इंजन लगाने के बाद भी महाराष्ट्र की सेहत वेंटिलेटर पर है। तीनों दलों ने अपना पर्याप्त बीमा कर लिया है, इसीलिए उन्हें महाराष्ट्र की चिंता नहीं है। राज ठाकरे ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “पिछले 24 घंटे में नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में 24 मौतें हुई हैं। यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसी ही एक घटना हाल में ठाणे शहर में हुई थी। राज्य के सरकारी अस्पतालों में दवा की कमी है। मुंबई में भी टीबी की दवा की कमी के चलते “संभाल कर दवा का इस्तेमाल कीजिए” ऐसी सलाह दी जा रही है। ये घटनाएं सिर्फ नांदेड़, ठाणे और मुंबई तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि हर जगह है। उन्होंने आगे कहा, “तीन-तीन इंजन लगाने के बाद भी अगर राज्य की सेहत वेंटिलेटर पर रहेगी, तो इन तीन इंजन का क्या फायदा? चूंकि सरकार के तीनों दलों ने अपना पर्याप्त बीमा करा लिया है, इसलिए उन्हें कोई चिंता नहीं है, लेकिन महाराष्ट्र का क्या? दुर्भाग्य से, सरकार के तीनों दल मस्त हैं, लेकिन महाराष्ट्र बीमार है ऐसी स्थिती है। सरकार अपना जीवन बढ़ाने के प्रयासों को कम करके महाराष्ट्र के स्वास्थ्य को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है इसकी कोशिश करें। इससे पहले विपक्ष ने इन मौतों के लिए शिंदे सरकार को जिम्मेदार बताया है। वहीं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, शरद पवार समेत कई बड़े नेताओं ने सरकार को घेरा।
मौत का आंकड़ा बढ़कर हुआ 31
बता दें कि नांदेड़ जिले के सरकारी अस्पताल में 48 घंटे में मौत का आंकड़ा बढ़कर 31 हो गया है। अस्पताल में हुई इस घटना के बाद अलग-अलग सियासी पार्टियों के नेताओं का प्रहार जारी है। इससे पहले एनसीपी चीफ शरद पवार ने एकनाथ शिंदे सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह घटना सरकार की नाकामी उजागर करती है। शरद पवार ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। शरद पवार ने कहा कि अभी दो महीने पहले ही ठाणे नगर निगम के कलवा अस्पताल में एक ही रात में 18 लोगों की मौत की दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी, लेकिन इस घटना को गंभीरता से नहीं लेने की वजह से नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में ऐसी ही गंभीर घटना दोहराई गई।