
मुंबई। मुंबई की राजनीति में रविवार को एक ऐतिहासिक दृश्य देखने को मिला जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने करीब 13 साल बाद शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख और अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे से उनके निवास ‘मातोश्री’ पर जाकर मुलाकात की और 65वें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। यह मुलाकात न सिर्फ एक पारिवारिक सौहार्द का संकेत थी, बल्कि इससे महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले मनसे-शिवसेना के संभावित गठबंधन की चर्चाओं को बल मिला है। राज ठाकरे ने इस मुलाकात की एक तस्वीर अपने एक्स (पूर्ववर्ती ट्विटर) अकाउंट पर साझा करते हुए लिखा- मेरे बड़े भाई, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के जन्मदिन के अवसर पर, मैं दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के निवास मातोश्री गया और उन्हें शुभकामनाएं दीं। उद्धव ठाकरे ने भी इस मुलाकात को भावनात्मक और गौरवपूर्ण बताते हुए कहा- हम उस घर में मिले जहां हम पले-बढ़े, उस व्यक्ति (बालासाहेब ठाकरे) के कमरे में गए जिसने हमें पाला-पोसा। इस मुलाकात से खुशी दोगुनी नहीं, कई गुना बढ़ गई। गौरतलब है कि राज ठाकरे आखिरी बार 2019 में अपने बेटे अमित ठाकरे की शादी का निमंत्रण देने मातोश्री गए थे। लेकिन उस समय यह केवल एक औपचारिक मुलाकात मानी गई थी। इस बार की भेंट न केवल सार्वजनिक थी, बल्कि इसके राजनीतिक निहितार्थ भी स्पष्ट हैं।
फडणवीस और अजित पवार की प्रतिक्रियाएं
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पत्रकारों से बातचीत में इस मुलाकात को सामान्य और सकारात्मक करार दिया। उन्होंने कहा- उद्धवजी का जन्मदिन है, यह खुशी की बात है कि राज ठाकरे उन्हें बधाई देने गए। हमारी भी शुभकामनाएं उद्धव ठाकरे को हैं। जब हम भी किसी को शुभकामनाएं देते हैं तो उसमें राजनीति नहीं देखते, इसलिए इस मुलाकात को भी राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए। हालांकि, फडणवीस ने शिवसेना-मनसे गठबंधन की अटकलों पर चुटकी लेते हुए यह भी जोड़ा कि हमने विधानसभा चुनावों में देखा है कि महाराष्ट्र के मन में क्या है। अब स्थानीय निकाय चुनावों में भी जनता का मिजाज साफ होगा। यह कहना कि कुछ नेताओं के मन में जो है, वही राज्य के मन में है।यह सही नहीं है। इससे इतर, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस मुलाकात को बेहद सकारात्मक बताया और कहा- यह उनके परिवार का मामला है। अगर भाई बीस साल बाद मिलते हैं तो इसमें किसी को बुरा क्यों लगना चाहिए? अगर वह साथ आते हैं तो इससे अच्छा और क्या हो सकता है। उनके विचार स्वतंत्र हैं, लेकिन यह मुलाकात हर्ष का विषय है।
क्या वाकई समीकरण बदल रहे हैं?
उद्धव ठाकरे ने मीडिया से बातचीत में कहा- इस मुलाकात ने मेरी खुशी कई गुना बढ़ा दी है। यह सिर्फ दोगुनी नहीं, अनगिनत गुना है। राज के आने से वह सारी यादें ताज़ा हो गईं, जब हम एक ही छत के नीचे एक ही लक्ष्य के लिए काम करते थे। राज-उद्धव की यह नजदीकी कई राजनीतिक समीक्षकों को शिवसेना और मनसे के नए समीकरणों की ओर इशारा करती दिख रही है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि दोनों दल, जो एक ही वैचारिक जड़ों से उपजे हैं, बीते कुछ वर्षों में अलग-अलग राहों पर चल रहे थे, लेकिन अब भाजपा और महायुति के खिलाफ साझा मोर्चा बनाने की संभावना भी चर्चा में है।