
वी.बी.माणिक
मुंबई। मध्य रेलवे की गाड़ियों में यात्रियों की सुरक्षा अब खतरे में पड़ती जा रही है। आए दिन रेलवे कर्मियों द्वारा यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे यात्री खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। ताजा मामला मंगलवार यानी 18 मार्च का है, जब पंचवटी एक्सप्रेस में विजिलेंस इंस्पेक्टर शैलेश दुबे ने एक यात्री का कॉलर पकड़कर दुर्व्यवहार किया और झूठी शिकायत करने के लिए जीआरपी में मामला दर्ज कराने चले गए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे रेलवे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। इस दौरान मध्य रेलवे के एवीओ वीर सिंह मीणा भी वहां मौजूद थे, लेकिन उन्होंने कोई हस्तक्षेप नहीं किया।
अब सवाल उठता है कि आरपीएफ, जीआरपी और टिकट चेकिंग स्टाफ जो यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैनात हैं, वे आखिर क्या कर रहे हैं? टिकट चेकिंग स्टाफ केवल फर्ज अदायगी करता है और यात्री सुरक्षा को नजरअंदाज कर रहा है। ड्यूटी रोस्टर में भी कोई पारदर्शिता नहीं है। टीसी (टिकट चेकर) वही होते हैं जो फिक्स ड्यूटी पर रहते हैं और उनका रोस्टर बदला नहीं जाता है। गाड़ियों में लगातार घटनाएं घटित हो रही हैं और यात्रियों की सुरक्षा खतरे में है। इस मामले में डीआरएम मीना जी को तत्काल संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करनी चाहिए। यह भी गंभीर सवाल है कि पश्चिम रेलवे का विजिलेंस इंस्पेक्टर आकर मध्य रेलवे की गाड़ियों में अनुशासनहीनता करता है। क्या यह सही है? यात्रियों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए रेलवे अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, ड्यूटी रोस्टर की पारदर्शिता और यात्रियों की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।