
नवी मुंबई। रायगढ़ पुलिस ने रक्षाबंधन के पर्व को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ एक भावनात्मक और नवोन्मेषी अभियान से जोड़ते हुए जिले भर में व्यापक मादक द्रव्य विरोधी जागरूकता मुहिम शुरू की है। “बहन माँगते ओवलनी-नाको करू नशेने शरीराची हानी” यानी “बहन की राखी का उपहार– नशे से शरीर को नुकसान न पहुँचाएँ” इस अभियान का केंद्रीय नारा है, जिसके ज़रिए युवाओं से अपील की जा रही है कि वे अपने जीवन को नशे से बचाकर अपनी बहनों के प्यार और आशीर्वाद की सच्ची कद्र करें। यह पहल अगस्त महीने के लिए कोंकण रेंज के विशेष पुलिस महानिरीक्षक द्वारा शुरू किए गए राज्यव्यापी अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य युवाओं को नशे की लत के खतरों से सचेत करना है। रायगढ़ पुलिस अधीक्षक कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, रक्षाबंधन वह पर्व है जब बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं। ऐसे में यह मुहिम युवाओं के दिल से जुड़कर उन्हें नशा छोड़ने के लिए प्रेरित कर रही है। इस अभियान को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए रायगढ़ जिले के गणपति मंडलों को आगामी गणेश उत्सव के दौरान नशामुक्ति पर आधारित थीम और प्रदर्शनियाँ आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। इसके ज़रिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों की आड़ में नशे के खिलाफ एक सामाजिक संदेश को जन-जन तक पहुँचाया जा रहा है। साथ ही, रायगढ़ पुलिस ने शिक्षा संस्थानों में विशेष संपर्क अभियान चलाया है। ‘पुलिस काका और दीदी’, निर्भया दस्ते और जिला अस्पताल की संयुक्त टीमें स्कूलों और कॉलेजों में जाकर छात्रों को नशे के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक कर रही हैं और उन्हें एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का आह्वान कर रही हैं। पुलिस ने नागरिकों से भी अपील की है कि वे यदि मादक द्रव्यों की तस्करी, भंडारण या बिक्री से संबंधित किसी भी जानकारी से अवगत हों, तो वे तुरंत गोपनीय हेल्पलाइन नंबर 1933 पर सूचना दें। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य सहायता और व्यसन से जुड़ी समस्याओं के लिए टेली-मानस हेल्पलाइन 14416 की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। इस अनूठे अभियान के ज़रिए रायगढ़ पुलिस ने त्योहार की भावनात्मक ऊर्जा को एक सामाजिक आंदोलन में बदलने का प्रयास किया है, जो निश्चित रूप से युवाओं को सकारात्मक दिशा में प्रेरित करने वाला कदम है।